बालोद 15 सितम्बर 2023। बालोद जिले के ग्राम पंचायत झलमला के शासकीय जमीन में रसूखदार द्वारा किए गए कब्जे को हटाने की मांग लेकर आज झलमला के ग्रामीण एवं युवा कांग्रेस द्वारा संयुक्त रूप से पूरे गांव को बंद कर भूख हड़ताल किया गया। अधिकारी-कर्मचारी और ग्रामीणों के बीच लंबे समय तक वार्ता चली जहां पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल पा रहा था। ग्रामीण काफी आक्रोशित थे और चक्का जाम करने निकले थे। पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और द्विपक्षीय वार्ता के बाद हड़ताल खत्म किया गया। दरअसल पूरे ग्रामीण बालोद शहर के सर्राफा व्यवसायी विकास श्रीमाल पर कब्जे का आरोप लंबे समय से लगा रहे हैं।
कब्जे की जमीन पर बनी वाटिका
ग्राम पंचायत झलमला में शासकीय भूमि पर हुए अवैध कब्जे को हटाने की मांग को लेकर बालोद युवा कांग्रेस और ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया। युवा कांग्रेस के शहर अध्यक्ष साजन पटेल ने बताया कि ग्राम झलमला में खसरा क्रमांक 1233/1 रकबा 0.48 हेक्टेयर लगभग डेढ़ एकड़ सरकारी भूमि पर कब्जा करके प्रसन्ना वाटिका बनाकर आधिपत्य कर लिया गया है। जिसके खिलाफ लगातार हम लड़ाई लड़ रहे हैं। जांच में कब्जा पाए जाने के बाद भी अतिक्रमण को खाली नहीं करवाया जा रहा है जिससे नाराज होकर हम सब भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे प्रशासन से लंबी बातचीत हुई जहां प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि कल भी आकर जमीन की माप करेंगे और पुनः कब्जाधारी को नोटिस देकर कब्जा खाली करवाया जाएगा इसके बाद हमने यह हड़ताल कुछ समय के लिए खत्म कर दिया है।
शासन की कीमती जमीन पर आज भी अतिक्रमण
ग्राम झलमला के सरपंच उमा पटेल ने बताया कि शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 1233/1 में स्थित 0.4800 हेक्टर भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है। शासकीय रिकार्ड में यह जमीन घास मद में दर्ज है। अवैध कब्जे की शिकायत के बाद राजस्व विभाग ने मामले की जांच की है। जांच में शिकायत को सही पाया गया है। पटवारी की मौका रिपोर्ट के बाद मामला आगे नहीं बढ़ पाया है। राजस्व अमले की लापरवाही की वजह से शासन की कीमती जमीन पर आज भी अतिक्रमण है बार बार राजस्व अमला जांच और कार्रवाई की बात करती है पर कब्जा आज भी बरकरार है।
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