मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रों का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। नवमी पूजन के बाद दशहरा पूजन किया जाएगा। यहां जानें इन चार ज्योतिषचार्यों की राय में कब रखा जाएगा अष्टमी व्रत और नवमी कब होगी
मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रों का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। नवमी पूजन के बाद दशहरा पूजन किया जाएगा। ज्योतिषचार्य राहुल अग्रवाल ने बताया कि अष्टमी तिथि का प्रारंभ दस अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर होगा। इस दिन सूर्य उदय से लेकर 12.31 बजे तक सप्तमी तिथि होगी और शास्त्रत्तें के अुनसार सूर्य उदय की तिथि में जो पर्व लगता है, वही मान्य होता है। यहां जानें इन चार ज्योतिषचार्यों की राय में कब रखा जाएगा अष्टमी व्रत और नवमी कब होगी
11 अक्तूबर को 12 बजे के बाद नवमी तिथि होगी शुरू
राहुल अग्रवाल के अनुसार 11 को ही दोपहर 12:06 बजे के बाद से नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो अगले दिन 12 को सुबह 10:58 बजे तक रहेगी। महानवमी का पूजन 12 अक्टूबर को ही करना शास्त्र मान्यताओं के अनुसार शुभ रहेगा। इसके बाद दशहरा पूजन किया जाएगा।
11 बजे के बाद करें दशहरा पूजन
ज्योतिषचार्या रुचि कपूर के अनुसार महानवमी का पूजन 12 अक्तूबर को सुबह 10:58 बजे तक है। इसके बाद दशमी तिथि का प्रारंभ होगा, जोकि अगले दिन सुबह 9:08 बजे समाप्त हो जाएगा। इस कारण विजयदशमी का पर्व 12 अक्तूबर को नवमी पूजन के बाद ही श्रेष्ठ रहेगा। दोपहर को दशहरे पूजन का शुभ मुहूर्त भी रहेगा। रात्रि के समय रावण दहन भी किया जाएगा।
11 बजे के बाद मनाया जाएगा दशहरा
ज्योतिषचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार 11 अक्तूबर को अष्टमी तिथि मानी जाएगी। इसके अलावा 12 अक्तूबर शनिवार को नवमी तिथि सुबह 10:59 बजे तक रहेगी और 11:00 बजे से दशहरा प्रारंभ हो जाएगा। नवमी को नवरात्रों में माता की विदाई 11:00 बजे कर पाएंगे। दशमी तिथि 11:00 बजे से प्रारंभ होगी। दशहरा 11:00 बजे के बाद मनाया जाएगा।
ऐसे समझे तिथि का इस बार का गणित
●10 अक्तूबर : अष्टमी तिथि का प्रारंभ 12.31 मिनट दोपहर से शुरू
●11 अक्तूबर : अष्टमी पूजन 12.06 मिनट तक, सूर्यउदय तिथि के साथ
●12 अक्तूबर : नवमी पूजन 10.58 मिनट तक रहेगा, इसके बाद दशमी शुरु
●12 अक्तूबर : दशहरा पूजन 10.58 बजे के बाद शुरु, दोपहर 2.48 मिनट तक
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