बिलासपुर - जिले के 761 जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए स्कूल जतन योजना के तहत 32 करोड़ रुपये जारी किया गया है. लेकिन अभी तक 174 स्कूलों की मरम्मत नहीं हो पाई है. 18 जून से स्कूल शुरू होने वाले हैं. अब इतनी जल्दी इन स्कूलों में मरम्मत कैसे होगा. या फिर बच्चे फिर से जर्जर स्कूल में ही पढ़ाई करेंगे इसको लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. उठाते सवालों के बीच अब एजेंसी ने मरम्मत कार्य में देरी को लेकर 39 ठेकेदारों को नोटिस जारी किया है.
बिलासपुर जिले में 761 से ज्यादा जर्जर स्कूल हैं. 18 जून से नए सत्र के तहत स्कूल खुलने जा रहे हैं. लेकिन अब तक इन स्कूलों की मरम्मत नहीं हो पाई है जबकि मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत पिछले सत्र में बिलासपुर जिले के जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए 32 करोड़ रुपये मिले थे. इसे देखते हुए काम कराने वाली एजेंसी आरईएस ने 39 ठेकेदारों को नोटिस जारी किया है. मरम्मत के लिए करोड़ों रुपये आने के एक साल बाद भी 174 स्कूलों में छतों को सुधारने का काम, पॉलिश, दीवारों में रंगरोगन, शौचालयों की मरम्मत के साथ साज सज्जा तक का काम पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में अब 174 स्कूलों में काम करने वाले 39 ठेकेदारों को नोटिस जारी किया गया है. साथ ही 4 ठेकेदारों को ठेका निरस्त करने से पहले अंतिम चेतावनी जारी की गई है. ठेकेदारों को निर्देशित किया गया है कि नया सत्र शुरू होने से पहले स्कूलों में मरम्मत का काम पूरा कराया जाए, ताकि बारिश के दौरान बच्चों को स्कूल में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो.
स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों के मुताबिक जिले के मस्तूरी, बिल्हा, कोटा और तखतपुर ब्लॉक में कुल 761 स्कूल जर्जर हैं. इसमें 113 स्कूल खंडहर हो चुके हैं. जिन्हें डिस्मेंटल करने के लिए शासन को पत्र भी लिखा जा चुका है. इसके अलावा 21 से अधिक स्कूल अभी भी खपरैल वाले हैं. यहां बारिश में पानी टपकने से स्कूली बच्चों को परेशानी होती है.
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