नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि समाप्त वित्त वर्ष में क्रेडिट कार्ड चोरी बढक़र 4,072 करोड़ रुपये हो गई है. मंत्री ने कहा कि क्रेडिट कार्ड का सकल खराब शेष, जो मार्च 2022 तक 3,122 करोड़ रुपये था, मार्च 2023 तक 4,072 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसी अवधि में क्रेडिट कार्ड के जरिये लिया गया कर्ज 1.64 लाख करोड़ रुपये से बढक़र 1.64 लाख करोड़ रुपये हो गया. 2.10 लाख करोड़ और कुल कर्ज की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति 1.91 प्रतिशत से बढक़र 1.94 प्रतिशत हो गई है. लेकिन ये खऱाब क्रेडिट कार्ड अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के सकल एनपीए (3.87 प्रतिशत) से कम हैं। सदस्यों द्वारा पूछे गए एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री भागवत कराड ने कहा कि मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष में सहकारी बैंकों में 964 धोखाधड़ी हुई, जिससे 791 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वित्तीय वर्ष 2021 में जहां 1,985 करोड़ रुपये की 438 धोखाधड़ी दर्ज की गईं, वहीं 2022 में धोखाधड़ी की संख्या बढक़र 729 हो गई, जिसमें बैंकों को 536 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मंत्री ने बताया कि आरबीआई और नाबार्ड ने सरकार को सूचित किया है कि वे सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन को मजबूत कर रहे हैं। आरबीआई और नाबार्ड ने कहा है कि बैंक साइबर सुरक्षा सलाह, निगरानी बढ़ाने, स्टाफ रोटेशन आदि जैसे उपाय कर रहे हैं।बताया कि समाप्त वित्त वर्ष में क्रेडिट कार्ड चोरी बढक़र 4,072 करोड़ रुपये हो गई है. मंत्री ने कहा कि क्रेडिट कार्ड का सकल खराब शेष, जो मार्च 2022 तक 3,122 करोड़ रुपये था, मार्च 2023 तक 4,072 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसी अवधि में क्रेडिट कार्ड के जरिये लिया गया कर्ज 1.64 लाख करोड़ रुपये से बढक़र 1.64 लाख करोड़ रुपये हो गया. 2.10 लाख करोड़ और कुल कर्ज की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति 1.91 प्रतिशत से बढक़र 1.94 प्रतिशत हो गई है. लेकिन ये खऱाब क्रेडिट कार्ड अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के सकल एनपीए (3.87 प्रतिशत) से कम हैं। सदस्यों द्वारा पूछे गए एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री भागवत कराड ने कहा कि मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष में सहकारी बैंकों में 964 धोखाधड़ी हुई, जिससे 791 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वित्तीय वर्ष 2021 में जहां 1,985 करोड़ रुपये की 438 धोखाधड़ी दर्ज की गईं, वहीं 2022 में धोखाधड़ी की संख्या बढक़र 729 हो गई, जिसमें बैंकों को 536 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मंत्री ने बताया कि आरबीआई और नाबार्ड ने सरकार को सूचित किया है कि वे सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन को मजबूत कर रहे हैं। आरबीआई और नाबार्ड ने कहा है कि बैंक साइबर सुरक्षा सलाह, निगरानी बढ़ाने, स्टाफ रोटेशन आदि जैसे उपाय कर रहे हैं।
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