बड़ी खबर

Rajnandgaon

  • महाविद्यालय में " शोध पत्र कैसे प्रकाशित करे " विषय में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

    04-Jan-2024

    राजनांदगांव। कान्फ्लूएंस महाविद्यालय राजनांदगांव में " शोध पत्र कैसे प्रकाशित करे " विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश शोध के संचालन को शोध पत्र कैसे प्रकाशित करना है और इस पत्र को प्रकाशित करने में जो समस्या आती है उनका निवारण कैसे करना है उसकी जानकारी प्रदान करना है।

    इस कार्यशाला की मुख्य अतिथि भिलाई महिला महाविद्यालय की बायोटेक्नोलॉजी विभाग की मुख्य डॉ.भावना पांडेय ने बताया कि समय की आवश्यकतानुसार अनुसंधान कार्य बनाइए, उससे संबंधित क्या हुआ है उसकी जानकारी जुटाए,काम करने के लिए आवश्यक संसाधन भी जुटाएं। यदि आपका कार्य विज्ञान से संबंधित है तो कार्य के अनुरूप प्रयोगशाला व अन्य संसाधनों की आवश्यकता होगी, यदि कृषि से संबंधित है तो मान्यता प्राप्त कृषि फार्म की व साथ ही प्रयोगशाला की भी आवश्यकता होगी। प्रयोग पूरा करने के लिए आवश्यक तौर तरीकों का इस्तेमाल करते हुए काम को सही दिशा में बढ़ाएं। काम पूरा होने पर अपने काम के परिणामों को परिचय, अनुसंधान के विषय की दिशा में कीये गए कार्यों का संक्षिप्त विवरण, अनुसंधान में इस्तेमाल तौर तरीके, अनुसंधान के परिणाम, विवेचना व सारांश के साथ सम्पूर्ण करे।
    इस कार्यशाला के दौरान महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रचना पांडे ने कहा कि एक शोध कर्त्ता अपना शोध कार्य पूर्ण करने के पश्चात शोध पत्र को प्रकाशित करने में जुट जाता है परंतु कुछ समस्याओं के कारण वह शोध पत्र के प्रकाशन हेतु पूर्णतः असमर्थ हो जाता है है जिसके लिए उन्होंने बताया की शोध पत्र के प्रकाशन हेतु संपादक के नाम पत्र होना चाहिए, जिसमें स्पष्ट रूप से शोध पत्र के सम्बन्ध में " मौलिक एवं अप्रकाशित " शब्द लिखा होना चाहिए और इसे अन्यत्र न भेजे जाने की पुष्टि हो । इस सम्बन्ध में वेबसाइट पर उपलब्ध certification of originality डाउनलोड करें एवं उसे आलेख के साथ प्रेषित करें।
    महाविद्यालय संचालक श्री संजय अग्रवाल ,डॉक्टर मनीष जैन एवं आशीष अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि शैक्षणिक प्रकाशन की एक विधि है। इसमें किसी शोध-पत्रिका (जर्नल) में लेख प्रकाशित किया जाता है या किसी संगोष्ठी में किसी विषय पर एक लेख पढ़ा जाता है। प्राय: शोधपत्रों का प्रकाशन कुछ विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा करने/जाँचने के बाद ही सम्भव हो पाता है। इस प्रकार "शोध पत्र कैसे प्रकाशित करे" कार्यशाला का समापन किया गया।

Leave Comments

Top