रायपुर। राजधानी बिलासपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में एसीबी-ईओडब्ल्यू ने रविवार सुबह छापेमारी की। शराब घोटाले में दर्ज एफआईआर मामले में जारी 13 वारंटियों के ठिकानों पर पर एसीबी ईओडब्ल्यू के सौ से अधिकारी पुलिस जवानों की टीम की दबिश है। ये छापेमारी, ईडी द्वारा बीते वर्ष में किए गए छह हजार करोड़ के शराब घोटाले के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए की गई है। टीमें बिलासपुर सरगांव स्थित भाटिया डिस्टलरी, कोटा स्थित वेलकम डिस्टलरी, कुम्हारी दुर्ग स्थित केडिया डिस्टलरी, रायपुर स्थित अनवर ढेबर, पूर्व सीएस विवेक ढांड, पूर्व उद्योग संचालक अनिल टुटेजा,आबकारी अधिकारी सौरभ बख्शी, अशोक सिंह, अरविंद सिंह के ठिकानों पर एसीबी ईओडब्ल्यू की टीमों पड़ताल कर रहीं है। इन सभी के नाम ईडी की चार्ज शीट में भी शामिल है। इसमें टुटेजा, त्रिपाठी और ढेबर को इस घोटाले का मास्टर माइंड बताया गया था। शेष सभी इस रिंग में सहयोगी रहे हैं। इनके साथ ही स्वर्ण भूमि रहवासी वैभव अग्रवाल उर्फ (शिबु), के अलावा सिद्धार्थ सिंघानिया के यहां भी ईओडब्ल्यू-एसीबी ने दबिश दी है। शिबु शराब दुकानों के लिए प्लेसमेंट कर्मी उपलब्ध कराने वाली फर्म में साझेदार था। वह पिछले कुछ समय से बाहर है। उसके घर में ताला लगा हुआ था। शिबु की यह फर्म ,हाल में जमानत पर रिहा हुई आईटीएस अफसर और शराब निगम के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी की पत्नी की बताई गई है। ईओडब्ल्यू ने दो दिन पहले ही विधि अफसरों के साथ बैठक कर एफआईआर की गहन समीक्षा की थी। ईओडब्ल्यू ने कल ही विशेष न्यायाधीश की कोर्ट से सर्च वारंट लिया था। उसके बाद से टीम अलर्ट पर रखी गई थी। ईओडब्ल्यू ू के सूत्रों ने बताया कि देर शाम तक पूरी जानकारी दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि एपी त्रिपाठी पिछले सप्ताह जमानत पर रिहा होने के बाद से फरार है । आज सुबह जब ईओडब्ल्यू की टीम उसके घर पहुंची तो घर बंद था। टीम उसके घर के बाहर बैठी हुई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद से गायब एक अफसर का बिलासपुर संभाग में होने का लोकेशन मिला है। ईओडब्ल्यू की टीम तस्दीक कर रही है।
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