रायपुर :- छत्तीसगढ़ में पहली बार बच्चे का अंगदान किया गया। 11 साल का प्रखर 5 दिनों से रायपुर के हॉस्पिटल में भर्ती था। उसे खेले के के दौरान सिर पर चोट लग गई थी। उनकी माता मंजू साहू और पिता रमेश साहू 1 जून 2024 से अपने बच्चे के ठीक होने का इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन 5 जून को ब्रेन डेड घोषित किया गया। प्रखर कक्षा सातवीं का छात्र था और फुटबॉल खेलने का बहुत शौकिन था। दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलते खेलते फुटबॉल के स्टैंड से उसके सिर पर गहरी चोट लग गई थी। ब्रेन डेड होने की वजह से डॉक्टरों ने उसके माता पिता को अंगदान करने का सुझाव दिया।
हिम्मत बांधते हुए प्रखर के माता पिता ने अपने बच्चे के अंगों (किडनी, लिवर, कॉर्निया और हार्ट वाल्व) दान करने का फैसला लिया। प्रखर रामकृष्ण हॉस्पिटल में भर्ती था जहां उसका लिवर और एक किडनी दान की गई। वहीं एक किडनी AIIMS रायपुर पहुंचाई गई। इसके साथ ही कॉर्निया डॉ. भीमराव आंबेडकर मेमोरियल हॉस्पिटल को और हार्ट वाल्व सत्य साई हॉस्पिटल नवा रायपुर को दिया गया। इस मौके पर रायपुर के पुलिस प्रशासन का भी योगदान रहा, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सही समय में अंगों को जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचाया गया।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में अब तक सात मृतक अंगदान किए जा चुके हैं जिससे अब तक 17 लोगों को जिंदगी की उम्मीद दी गयी है। इसमें 13 किडनी और 4 लिवर शामिल है। प्रखर इस शृंखला में आठवां है, लेकिन छत्तीसगढ़ में बाल्य मृतक अंगदान में पहला बच्चा है, जिसने दूसरों को जीने का मौका दिया है। रामकृष्ण के डॉक्टर ने 66 साल के पुरुष में लीवर और 43 साल की महिला में किडनी ट्रांसप्लांट की। वहीं किडनी एम्स रायपुर में 10 साल के बच्चे में लगाया गया। इस अंगदान से बहुत से लोगों में हिम्मत बंधी है।
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