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  • एक नवंबर से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदेगी सरकार; 125 मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य

    11-Sep-2023

    रायपुर 11 सितम्बर 2023। छत्तीसगढ़ में इस साल राज्य सरकार प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदेगी। सरकार ने इस साल किसानों से 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने लक्ष्य रखा है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर एक नवंबर से धान और मक्का खरीदी शुरू होगी। एक नवंबर से 31 जनवरी 2024 तक धान खरीदी की जाएगी। वहीं मक्का की 28 फरवरी 2024 तक खरीदी की जाएगी। इस साल धान खरीदी के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था की गई है। 

    खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में धान खरीदी और कस्टममीलिंग नीति की समीक्षा कर सुझाव देने के लिए गठित मंत्रि-मंडलीय उप समिति की बैठक हुई। मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस साल बायोमेट्रिक आधारित धान खरीदी व्यवस्था की गई है। अभी तक प्रदेश के लगभग 5 लाख किसानों के पंजीयन का काम पूरा हुआ है। बाकी किसानों को पंजीयन का काम पूरा करने की अपील की गई है। 
     
    इस मूल्य पर होगी धान खरीदी 
    बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार की ओर से औसत अच्छी किस्म के धान और मक्का के लिए निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी। धान कामन के लिए निर्धारित समर्थन मूल्य 2183 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2203 रुपए प्रति क्विंटल के मान से धान खरीदी की जाएगी। इसी तरह मक्का प्रति क्विंटल 2090 रुपए के भाव से खरीदी की जाएगी। 
     
    2617 नए धान खरीदी केंद्र
    मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक में प्रदेश में किसानों के धान विक्रय में सहुलियत को ध्यान में रखते हुए उपार्जनों केन्द्रों की संख्या लगातार वृद्धि की जा रही है। किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष और भी कुछ धान उपार्जन केंद्र खुलेंगे। वर्तमान में 2617 धान उपार्जन केंद्र खोले गए हैं। पिछले साल राज्य के 24.96 लाख किसानों ने पंजीयन करवाया था, जिसका रकबा 32.15 है।
     
    ‘किसानों की संख्या में होगी वृद्धि’
    पिछले लगभग ढाई लाख नए किसानों ने पंजीयन करवाया था। किसानों से रिकॉर्ड 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल भी किसानों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। राज्य सरकार की ओर से किसानों से 125 लाख मीट्रिक टन धान लक्ष्य रखा है। इस साल भी धान खरीदी के अनुमानित लक्ष्य के अनुसार लगभग साढ़े सात लाख गठान जूट बारदाने की आवश्यकता होगी। इसमें 4.03 लाख नए और 3.43 लाख गठान पुराने बारदाने की जरूरत पड़ेगी। बारदाने की व्यवस्था के लिए खाद्य विभाग पहले से ही तैयारी कर रही है।

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