मुंगेली। एक तरफ जहां प्रदेश में बकाया बोनस राशि मिलने से किसानों के चेहरे में उत्साह नजर आ रहा है तो वहीं, मुंगेली जिले के जरहागांव स्थित जिला सहकारी बैंक में बैंक कर्मचारियों के लूट खसोट से किसान परेशान हैं. यह बात हम नहीं बल्कि बैंक में धान बिक्री और बोनस राशि लेने पहुंच रहे किसान खुद ही कह रहे हैं. दरअसल, जिले के जिला सहकारी बैंकों में बोनस राशि और धान बिक्री की राशि लेने किसानों की भारी भींड़ उमड़ रही है. बोनस राशि का पैसा लेने जब बैंक में पहुंच रहे हैं तो कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों से मिले शिकायत के आधार पर जब हम जिला सहकारी बैंक के जरहागांव स्थित ब्रांच पहुंचे और यहां लाईन में लगे किसानों से हमने ऑनकैमरा जब बातचीत की तो किसानों ने कई तरह की परेशानियों का जिक्र किया।
बातचीत में किसानों का आरोप था कि यहां बैंक के कुछ कर्मचारियों की ओर से धान बिक्री की और बोनस राशि देने के एवज में पैसे लिए जा रहे हैं. यह पैसे अलग-अलग किसानों के लिए अलग-अलग तरह से लिए जा रहे हैं. हद तो तब हो गई जब इस तरह का घुस बैंक कर्मचारियों की ओर से किसानों को निकासी की राशि अदा करते वक्त ले लिया जा रहा है. इसके पीछे किसानों का तर्क था कि बैंक में राशि निकासी के लिए इन दिनों भारी भींड़ उमड़ रही है, किसान सुबह से शाम तक लाइन लगाकर इंतजार करते हैं. ऐसे में घूस देने वाले किसानों को पिछले दरवाजे से बिना लाइन लगाए ही राशि दिया जा रहा है। किसानों ने यह भी बताया कि इस बैंक की ओर से जारी किए गए अधिकतर एटीएम कार्ड ब्लॉक हो चुके हैं, जबकि कई किसान चाह रहे हैं।
उनका नया एटीएम कार्ड जारी हो, लेकिन बैंक की ओर से एटीएम नहीं होने की बात कहते हुए जारी नहीं किया जा रहा. इसके चलते डिजिटल युग में भी किसान भूखे प्यासे सुबह से शाम तक लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करने को मजबूर है। यहां तक प्रसाधन और पीने की पानी का भी इंतजाम नजर नहीं किया गया. इसके साथ ही बैंक कर्मचारियों की ओर से किसानों के साथ अड़ियल और मनमानी रवैया से बातचीत करने की बात भी किसानों की ओर से कही गई. जिले के अन्य सहकारी बैंकों का हाल भी यहां से जुदा नहीं है. लगभग सभी बैंकों में यही हाल है. किसान मायुष और परेशान होने लगे हैं।
जिम्मेदार अफसर को ऐसे मामले पर त्वरित एक्शन लेना चाहिए। जिला सहकारी जरहागांव बैंक में फैले इस अव्यवस्था और राशि निकासी के एवज में घूस लेने को लेकर जब हमने ब्रांच मैनेजर भूपेंद्र चंदेल से बातचीत किया तब उन्होंने कहा कि मेरी यहां नवीन पोस्टिंग है. अभी तक किसानों की ओर से पैसे लिए जाने की शिकायत मेरे तक नहीं आई है. टेक्निकल दिक्कत की वजह से एटीएम बन्द होने की जानकारी मिली है और नया एटीएम कार्ड हमारे पास नहीं है इसलिए जारी नहीं कर पा रहे हैं. यदि बैंक कर्मचारियों की ओर से इस तरह का कोई करतूत किया जा रहा और किसानों से पैसे लिए जा रहे हैं तो मैं चेक करा लेता हूं. वहीं, इन तमाम बिंदु सहित बैंक के अन्य अव्यवस्था को लेकर जब हमने सहकारिता विभाग के अधिकारी (ARCS) हितेश कुमार श्रीवास से बातचीत की तो उन्होंने जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई और बन्द एटीएम को चालू व नया एटीएम कार्ड की स्टॉक के लिए उच्च कार्यालय को पत्र प्रेषित करने की बात कही है।
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