राजनांदगांव/कानफ्लुएंस महाविद्यालय में अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में खैरागढ़ जिले के रानी रश्मि देवी सिंह शासकीय महाविद्यालय के ग्रंथपाल जे के वैष्णव उपस्थित थे। प्रभारी सुश्री पायल देवांगन ग्रंथपाल ने इस कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थियों को पुस्तकालय विज्ञान और कैरियर गाइडेंस पर सूचना प्रदान करना था जिससे जिससे उन्हें आने वाले समय में अपने ज्ञान को विकसित करने के लिए लाइब्रेरी का महत्व प्राप्त हो सके।
इस व्याख्यान के विशेषज्ञ जे के वैष्णव ने शैक्षणिक संस्थानो का हृदय ग्रंथालय को रेखांकित करते हुए ग्रंथालय सूचना विज्ञान को विस्तार से समझाया । ज्ञान के भंडार पुस्तकों को सबसे अच्छा मित्र बताते हुए पुस्तकालय विज्ञान के जनक डॉक्टर एस आर रंगनाथन के पांच सूत्र पुस्तक उपयोग के लिए सभी पाठकों को समय बचाते हुए पुस्तक मिले को विस्तार से बताया। वैज्ञानिकों के शोध आविष्कारों में नालंदा एवं तक्षशिला विश्वविद्यालय के ग्रंथो का अध्ययन को मूल स्रोत कहा। प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को नमन करते हुए महिला शिक्षा के महत्व को बताया । व्यावसायिक पाठयक्रमों में अध्ययन महत्व को रेखांकित करते हुए लक्ष्य अनुरुप कड़ी मेहनत से रोजगार के शासकीय, गैर शासकीय एवं स्वरोजगार आत्मनिर्भरता हेतु पैतृक व्यवसाय पर प्रकाश डाला। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रचना पांडे ने व्याख्यान के महत्व बताते हुए लाइब्रेरी में पुस्तक पढ़ने छात्र-छात्राओं को अध्ययन हेतु प्रेरक उदबोधन दी । इस व्याख्यान में महाविद्यालय के विद्यार्थी एवम अध्यापक गण उपस्थित थे।
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