बैकुंठपुर। मात्र 12 मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग ने मतदान केंद्र बनाया है, पर इस बार यहां के मतदाता मत देने को तैयार नहीं है वो इसका बहिष्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें अब तक मूलभूत सुविधाएं बिजली सडक़ पानी तक मुहैया नहीं हुई है तो वो वोट क्यों करें। कोरिया जिले के सोनहत विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कचोहर के आश्रित ग्राम कांटो में 12 मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र बनाया गया है। पहली बार इस गांव में कैमरा पहुंचा है। कांटो मतदान केंद्र भरतपुर सोनहत विधानसभा का केंद्र क्रमांक 139 है। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद इस केंद्र का निर्माण किया गया, पहले 11 मतदाता थे, अब 12 हो गए है। जिला प्रशासन ने चुनाव की तैयारी पूरी कर ली है, यहां पोलिंग टीम दो दिन पहले पहुंच जाती है। चुनाव सामग्री ट्रैक्टर के मार्फत भेजा जाता है।
कांटो गांव में कुल 12 मतदाता है, सभी गुर्जर है, इस गांव कुल 3 घर है। जिसमे रघुबीर, उनकी माता भगवती, मानमती,पुत्र आशुतोष और हरिहर, जिरजोधन, होरीलाल और उनकी पत्नी गोमती जो यहाँ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है, इसके अलावा गुलाब और उनकी पत्नी कविता और कामता और उनकी पत्नी बन्ना यहां के निवासी है। कांटो गांव के निवासी मूलभूत सुविधाओं के रहने को मजबूर है, गांव की महिला भगवती का कहना है कि उनके गांव में बोर नहीं है। पीने के पानी के लिए उन्हें नाले के पानी का उपयोग करना पड़ता है, बिजली नहीं है जो सौर ऊर्जा की लाइट दी गई थी वो खराब हो चुकी है, सडक़ तो है ही नहीं। वहीं महिला कविता का कहना है कि उन लोगों को काम नहीं मिलता है, बोर नहीं है, पीने के पानी तक के लिए उन्हें कई परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।
शासन की योजनाएं यहां तक नहीं पहुंच रही है। जिरजोधन का कहना है कि उन्होंने भाजपा-कांग्रेस दोनों को देखा पर हमारे वोट का मूल्य क्या है चुनाव में बस उनकी सुध ली जाती है बाकि समय कोई उनको पूछने नहीं आता है। यही कारण है उन्होंने इस बार वोट नही करने का निर्णय लिया है।
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