राजनांदगांव/कॉन्फ्लुएंस कॉलेज में आर्टेरियम प्रदर्शनी किया गया lजिसमें वेस्ट मटेरियल से बेस्ट कलाकृतियां तैयार कर नया आकार दिया गया,इन सभी कलाकृतियों की लगाई गई प्रदर्शनी में वेस्ट से बेस्ट बनाया गयाl आर्टेरियम प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि कुलपति दुर्ग विश्वविद्यालय डॉ.अरुणा पलटा,अध्यक्षता संचालक संजय अग्रवाल एवं डॉ.रचना पांडे प्राचार्य ने कियाlआर्टेरियम का उद्घाटन कुलपति डॉ.अरुणा पलटा द्वारा रिबन काटकर और माता सरस्वती में दीप प्रचलित कर किया गयाl
कार्यक्रम संचालन करते हुए प्रो.विजय मानिकपुरी कार्यक्रम अधिकारी एवं विकसित भारत अभियान नोडल अधिकारी ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा वेस्ट से बेस्ट बनाया गया जो कचरे का सर्वोत्तम उपयोग और अनउपयोगी वस्तुओं से नवीन आकार तथा घरेलू सामग्री से सजावटी घरेलू वस्तुओं को बनाकर कचरे के पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग के लिए तैयार किया गया जिसमें होने वाले प्रदूषण की संभावना कम होगी और पर्यावरण को लाभ होगाl विद्यार्थियों द्वारा धान की बाली,न्यूज़ पेपर,दिवाली वाले पटाखे का खराब हिस्सा, कपड़े रोल का पुट्ठा ,डिस्पोजल, पुराना मटका, कार्डबोर्ड,पुट्टी पाउडर पुरानी लकड़ी की सुखीडाल,धान के बैच,पेपर डॉल, दिया सजाना, कॉन फ्लावर,हार्ट सेफ फ्लावर,नर्सरी डेकोरेशन विथ बॉटल पॉट,स्पून फ्लावर पॉट, लैंप बांस से शो पीस स्टैंड, एल्युमिनियम कैंडल विथ क्राफ्ट पेपर, सेंटा विथ क्रिसमस ट्री,हैंगिंग झूमर मेड इन डिस्पोजल, सीनेट पॉट,मटका पॉट,पेपर फ्रेम, ऑर्गेंडी कपड़े, मास्क फ्लावर, स्टिक वॉल हैंगिंग,बटरफ्लाई सैफ वाले हैंगिंग,आइसक्रीम स्टिक हैंगिंग, जूट बास्केट वुल ट्री जैसे सैकड़ो सामग्री का निर्माण कर पर्यावरण के अनुकूल रचनात्मक निर्माण किया गया जो समूह में बनाकर प्रदर्शनी किया गयाl प्राचार्य डॉ.रचना पांडे ने कहा कि छात्रों द्वारा जो प्रदर्शनी में सामग्री रखी गई है,वह पर्यावरण संरक्षण एवं इकोफ्रेंडली वस्तु हैlकचरे समझकर हम फेंक देते हैंlवैसे कचरो का सर्वोत्तम उपयोग से कुछ उपयोगी और नवीन सामग्री घरेलू सामानों से रचनात्मक और सजावटी घरेलू वस्तु सैकड़ो तरीके से पुराने सामानों अखबार,इस्तेमाल की हुई बॉटल, खाली टीन के डब्बे, गट्टे के डिब्बे जो कूड़ेदान में अक्सर फेंक दी जाती हैl उसे अपने घर को नया रूप देने बेकार सामग्रियों से बनाया गयाlविद्यार्थियों में अपशिष्ट प्रबंधन और कूड़े कचरे को कम करने के प्रयास से यह बेकार वस्तुओं से सर्वोत्तम उपयोगी सामग्री तैयार कराया गयाl बच्चों में सर्वोत्तम रुचि बढ़ाने और घर पर आसानी से उपलब्ध सामग्री से घरेलू सजावट के सामान बनाए हैं,पुराने अखबार से तरह-तरह की आकृति वाले गुड़िया बस्तर आर्ट छत्तीसगढ़ की संस्कृति जैसे अनेक कलाकृति की गई हैlजो विद्यार्थियों के अधिगम को दर्शाता हैl आर्टेरियम प्रदर्शनी की मुख्य अतिथि डॉ. अरुणा पलटा कुलपति विश्वविद्यालय दुर्ग ने कहा कि यह प्रदर्शनी वेस्ट से बेस्ट जो पर्यावरण के अपशिष्ट को कम कर रहा है बल्कि यह पर्यावरण के रक्षा तथा लागत में भी काम है,इससे प्रदूषण की संभावना भी घट सकती हैl इसमें पर्यावरण जागरूकता और रचनात्मकता दोनों को बढ़ावा मिलेगाl बेकार पड़ी सामग्रियों वस्तुओं को कलात्मक रचनाओं के माध्यम से पुनः उपयोग में शामिल करना जिससे नागरिकों के जीवन को आसान बना सकते हैं,पर्यावरण के अनुकूल स्वच्छता सुनिश्चित होगी,सबसे महत्वपूर्ण बात अक्सर घर पर पड़ी चीजों को बेकार समझकर फेंक देते हैं जबकि उनका इस्तेमाल दोबारा किया जा सकता हैlजो विद्यार्थियों ने वेस्ट से बेस्ट घर सजाने के लिए खराब चीजों से डेकोरेशन की सामग्री और फूल,कांच की बोतल जैसे चीजों से बहुत ही आकर्षक और अच्छी डिजाइन के वस्तु निर्मित किए हैंl वाह विद्यार्थियों के अंदर कौशल उन्नयन और उनके कार्य क्षमता दिखाता है, यह जीवकोपार्जन,स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता,व्यक्तित्व विकास और सबसे बड़ी बात विद्यार्थियों में कौशल विकास की क्षमता में वृद्धि करेगीl आज महाविद्यालय ने विकसित भारत अभियान के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया,जिसमें युवाओं की सहभागिता यहां पर उकेरी गई विशाल रंगोली जो पूरे विकास की गाथा,आधुनिकता की राह को दर्शाती है,जो काफी आकर्षक भी हैl महाविद्यालय में सेल्फीजोन का निर्माण वेस्ट मटेरियल से बनाया गया जिसमें डॉ.अरुणा पलटा कुलपति दुर्ग विश्वविद्यालय ने फोटो खिंचवाईl महाविद्यालय में लगे प्रदर्शनी अवलोकन कर विद्यार्थियों के इस कुशलता को जमकर सराहा और कहा कि उसे लगा की छोटे से कमरे में प्रदर्शनी होगी लेकिन यहां इतनी खूबसूरत सामग्री वैरायटी छात्रों के जिज्ञासा प्रदर्शित कर रहा हैl महाविद्यालय के संचालक संजय अग्रवाल ने सर्वप्रथम कुलपति महोदय का स्वागत कर उन्हें धन्यवाद दिया महाविद्यालय आगमन पर कहा कि प्रदर्शनी का मकसद अनुपयोगी वस्तुओं जैसे डिस्पोजल,प्लास्टिक इन्हें नया रूप देना और रिसाइकलिंग करने से वायु प्रदूषण,जल प्रदूषण जैसी परेशानियों को कम करना भी हैl इससे प्रदूषण कम भी होगेऔर इससेअपने अंदर छुपे हुनर को भी जान पा रहे हैlतथा कुछ नया भी बना रहे हैं, यह काफी सराहनीय कार्य हैl महाविद्यालय के सभी छात्रों एवं शिक्षकों को शुभकामनाएं l
आयोजन में महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रीति इंदोरकर विभागाध्याछ शिक्षा, राधेलाल देवांगन,धनजय साहू, सुधीर मिश्रा, आभा प्रजापति, मयंकदेवांगन,यशु साहू, युक्ता साहू,यशवेर्या श्रीवास्तव, सुमन साहू प्राध्यापकों की भूमिका महत्वपूर्ण रही lकार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में छात्र उपस्थित रहे, तथा छात्रों द्वारा काउंटर लगाकर सामग्री विक्रय भी किया गया l
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