रायपुर : छत्तीसगढ़ में लाकडाउन के दौरान भी चल रही आर्थिक गतिविधियों के कारण बेरोजगारी की दर में उल्लेखनीय कमी आयी है। सेन्टर फार मानिटरिंग इंडियन इकानामी (सीएमआईई) से जारी आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर जून माह में 14.4 से घटकर जुलाई माह में 9 प्रतिशत के स्तर पर आ गयी है।
देश के कई राज्यों में इस दौरान बेरोजगारी की दर बढ़ी है। दिल्ली में बेरोजगारी दर जून में 18.2 प्रतिशत से जुलाई माह में बढ़कर 20.3 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह पांडीचेरी में जून में 4.2 प्रतिशत से जुलाई माह में 21.1 प्रतिशत दर्ज की गई। राजस्थान में जून माह में 13.7 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई में 15.2 प्रतिशत, गोवा में 10.1 प्रतिशत से बढ़कर 17.1 प्रतिशत दर्ज की गई है। पंजाब में इस दौरान बेरोजगारी की दर बीते एक माह 16.8 प्रतिशत से घटकर 10.4 प्रतिशत हो गई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों और फैसलों से लोगों को कोरोना काल में बेहतर रोजगार के अवसर मिल रहे है। छत्तीसगढ़ में अप्रैल माह से ही औद्योगिक गतिविधियां प्रारंभ हो गई थी। वर्तमान में लगभग शत प्रतिशत उद्योगों में कोरोना से रोकथाम और बचाव के साथ काम शुरू हो गया है। अच्छी बारिश से राज्य में कृषि की गतिविधियों में तेजी आयी है। मनरेगा में अधिक से अधिक रोजगार मूलक कार्यों के संचालन और लघुवनोपज की खरीदी से प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़े। राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित किसान हितैषी योजनाओं तथा जनकल्याणकारी फैसलों से उत्साहजनक वातावरण बना है।
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