रायपुर। झीरम न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल सरकार ने छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। आयोग का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा था। इसे देखते हुए सरकार ने आयोग का कार्यकाल 11 अगस्त से 10 फरवरी 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है। इससे पहले इसी वर्ष फरवरी में आयोग का कार्यकाल बढ़ाया गया था। इस संबंध में सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
बता दें कि कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर 25 मई 2013 को बस्तर की झीरम घाटी में हुए एक नक्सली हमले में 31 लोग मारे गए थे। इसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, उनके पुत्र दिनेश पटेल, दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार जैसे नाम भी शामिल थे। इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनका बाद में इलाज के दौरान निधन हो गया। तत्कालीन सरकार ने इस घटना की जांच के लिए न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था।
2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मौजूदा कांग्रेस सरकार ने आयोग का पुनर्गठन किया। इसमें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के अग्निहोत्री को आयोग का अध्यक्ष और न्यायमूर्ति जी. मिन्हाजुद्दीन आयोग के सदस्य बनाया गया है। साथ ही जांच में नए बिंदु भी शामिल किए गए हैं।
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