बड़ी खबर

छत्तीसगढ़

  • गृहमंत्री के निवास में कोरोना, दो पुलिस वाले पॉज़िटिव

    20-Jul-2020

    रायपुर : गृहमंत्री ताम्रधवज साहू के निवास से 2 पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से बंगले में आने जाने वालों में हड़कप मच गया है। अब इस बंगले को सेनीटाइज़ करने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी की कोरोना जाँच करने की प्रक्रिया जारी है। बताया जाता है कि यहां से 4 लोगों का कोरोना टेस्ट करवाया गया था, जिनमें दो कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन लोगों को सर्वेंट क्वार्टर में क्वॉरेंटाइन किया गया था। अब इन्हे उपचार के लिए अस्पताल भर्ती किया गया है।

     

    IPS अफस भी चपेट में

    राज्य में एक सीनियर IPS अफसर को कोरोना हुआ है। नक्सल DIG ओपी पॉल की रिपोर्ट पॉजेटिव आयी है। संक्रमित मिलने के बाद DIG ओपी पॉल को रायपुर के एम्स में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक वो है तीन दिन पहले ही अपने होम स्टेट उत्तर प्रदेश से लौटे हैं। इलाहाबाद से लौटने के बाद उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट आज पॉजेटिव आयी है।

  • भिलाई में महिला डीएसपी और उनकी सहेली के खिलाफ FIR

    19-Jul-2020

     भिलाई : आदर्श नगर चरोदा में एक महिला के आत्महत्या के मामले में डीएसपी अनामिका जैन श्रीवास्तव के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुस्प्रेरीत करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में उनकी सहेली पायल को भी आरोपी बनाया गया है। के. सुखविंदर नामक महिला के आत्महत्या के  मामले को लेकर लोगों के भिलाई-3 थाने का घेराव किया। तब जाकर पुलिस ने महिला डीएसपी अनामिका जैन श्रीवास्तव और उनकी सहेली पायल के खिलाफ धारा 306, 34 के तहत अपराध दर्ज किया। अमलेश्वर स्थित सीएएफ की तीसरी बटालियन में उप सेनानी अनामिका पुलिस सेवा में शुरुआत के दौरान भिलाई – 3 थाने में प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में सेवा दे चुकी है। वहीं चरोदा में रहने वाली उनकी सास और ननद ने भी पूर्व में DSP बहु खिलाफ भी इसी थाने में कईं बार लिखित शिकायत कर चुकी है। चरोदा के आदर्श नगर में शुक्रवार की रात को के. सुखविंदर (40 वर्ष) पति केवी अरुण ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका के पति केवी अरुण का आरोप है कि शुक्रवार की रात 8 बजे अमलेश्वर के सीएएफ की तीसरी बटालियन में उप सेनानी के पद पर पदस्थ डीएसपी अनामिका जैन श्रीवास्तव ने घर में आकर उनकी पत्नी से अपने पति के साथ अवैध संबंध होने की बात कहते हुए मारपीट की गई थी। इस दौरान महिला पुलिस अधिकारी के साथ उनकी एक सहेली भी थी। अपनी वर्दी का धौंस दिखाकर के. सुखविंदर से गाली गलौच व मारपीट किए जाने के दौरान उनके जेठ, जेठानी और बेटी भी थी। परिवारजनों और खासकर जवान बेटी के सामने चारित्रिक अपमान होने से के. सुखविंदर ने देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले पर आज दोपहर चरोदा वासियों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर डीएसपी अनामिका जैन श्रीवास्तव पर अपराध कायम करने की मांग को लेकर भिलाई-3 थाने का घेराव कर दिया। बीच में मृतका के शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम करने की तैयारी हो चुकी थी, लेकिन इसी बीच भिलाई-3 टीआई संजीव मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों को चर्चा हेतु थाने में आमंत्रित कर लिया । प्रदर्शनकारियों से चर्चा के बाद मृतका के पति की लिखित शिकायत पर डीएसपी अनामिका जैन श्रीवास्तव और उनकी सहेली पायल के खिलाफ धारा 306,34 का मामला दर्ज कर लिया गया। 

  • राजनांदगांव में लॉकडाउन पूर्वव्रत 4 बजे के बाद ही

    19-Jul-2020
             राजनांदगांव : कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा एवं पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने जिले में लॉकडाउन के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि जिले में अभी वर्तमान में जारी व्यवस्था लागू रहेगी और लॉकडाउन के संबंध में समय-समय पर समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संबंध में जारी प्रोटोकाल का सभी नागरिकों को पालन करना है, नहीं किए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी दुकाने निर्धारित समय शाम 4 बजे तक बंद हो जानी चाहिए। इसके लिए टीम बनाई जाए, जिसमें पुलिस के भी अधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने नगर निगम आयुक्त से कहा कि व्यापारी एवं ग्राहक मास्क लगाकर ही रहेंगे और मार्केट में माईक के माध्यम से नागरिकों को चेतावनी देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नागरिक अनावश्यक घर से बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि कंटेन्मेंट जोन के संबंध में जारी किए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करना है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप, अस्पताल, क्लीनिक, दवाई दुकान, दूध एवं इससे संबंधित उत्पाद, सब्जी दुकाने नियत समय अनुसार खुले रहेगें। मास्क पहनना और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा।
              कलेक्टर श्री वर्मा को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि सृष्टि कालोनी, तुलसीपुर, लालबाग, चिखली, नया ढाबा एवं सोमनी आईटीबीपी को कैम्प में कोविड-19 के मरीज अधिक मिले है। कलेक्टर श्री वर्मा ने अधीक्षक डॉ. प्रदीप बेक को कोविड-19 हास्पिटल के चौथे फ्लोर को पूर्ण कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने हॉस्पिटल स्थित टेस्टिंग लैब में वैज्ञानिक की नियुक्ति ने निर्देश दिए। उन्होंने हरेली त्यौहार एवं गणेश चतुर्थी में कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सबसे कहा है। उन्होंने कहा कि मूर्तिकार आठ फीट से अधिक गणेश प्रतिमा नहीं बनाएंगे।
               पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि दुकानों एवं चौक-चौराहों में कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को गणेश चतुर्थी के पहले चिन्हांकित अपराधियों को जेल में बंद करने के निर्देश दिए। उन्होंने मास्क नहीं पहनने वाले तथा कोविड-19 संबंधी प्रोटोकाल का पालन नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री ओंकार यदु, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती तनुजा सलाम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेशा चौबे, नगर निगम आयुक्त चन्द्रकांत कौशिक, एसडीएम मुकेश रावटे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
  • कस्टडी में युवक की मौत, पत्नी ने लगाया पुलिस पर डराने - धमकाने का आरोप

    19-Jul-2020

     सूरजपुर : सूरजपुर जिले में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का चीदा  गर्माते ही जा रहा है। पुलिस की जांच पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं। मृतक की पत्नी ने डराने धमकाने का आरोप लगाया है । पिछले साल सलका निवासी पंकज बेक और उसके साथी इमरान को अंबिकापुर पुलिस चोरी के मामले में पूछताछ के लिए ले गई थी। जहां रात को अंबिकापुर कोतवाली थाने के कुछ दूर पर पंकज बेक की फांसी के फंदे पर लटकी लाश मिली। मृतक के शरीर पर कई चोट के निशान भी मिले थे। इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था और क्षेत्रवासी लगातार आंदोलन कर रहे थे। वहीं पूरे मामले में जांच के भी आदेश दे दिए गए । ऐसे में विभागीय जांच का जिम्मा सूरजपुर के एडिशनल एसपी को सौंपा गया। गुरुवार को मृतक पंकज की पत्नी रानु बेक और मृतक के साथी इमरान को बयान जांच के लिए बुलाया गया।  तत्कालीन थाना प्रभारी भी वहां मौजूद थे। इस दौरान मृतक की पत्नी रानु ने आरोप लगाया कि पुलिस सही जांच नहीं कर रही है। उसने कहा कि आरोपी तत्कालीन अंबिकापुर थाना प्रभारी विनित दुबे के द्वारा ही पूछताछ किया जा रहा था और डराने धमकाने जैसी हरकत की जा रही थी। रानु बेक ने पुलिस अधीक्षक समेत शासन को पत्र लिखकर पूरे मामले में जांच की मांग की है। 

     

  • भूत, प्रेत, टोनही का खौफ व भ्रम हटाने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति हरेली में भ्रमण करेगी

    19-Jul-2020

     रायपुर : अंधविश्वास, पाखंड व सामाजिक कुरीतियों के निर्मूलन के लिए कार्यरत संस्था अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डाॅ. दिनेश मिश्र ने कहा अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति हरेली पर   विशेष जनजागरण अभियान चलाएगी, जिसमें जादू टोने के संबंध में टोनही प्रताडऩा के विरोध में जागरूक करने, टोनही प्रताडऩा के विरोध में शपथ, गांव के निर्जन स्थानों में रात्रिभ्रमण,  अंधविश्वास पर  पम्पलेट  वितरण  किया जाएगा, टोनही प्रताडऩा के संबंध में जानकारी एवं जागरूकता बढ़ाने हेतु पोस्टर वितरित किए जायेंगे तथा यह पोस्टर  ग्राम पंचायतों एवं सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा किए जायेंगे।प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली ग्रामसभा इस बार कोरोना संक्रमण में सोशल / शारीरिक डिस्टेन्स बनाये रखने के लिए आयोजित नही होगी,व्यक्तिगत सम्पर्क किया जाएगा.  अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डाॅ. दिनेश मिश्र ने कहा हरियाली के प्रतीक हरेली अमावस्या की रात को ग्रामीणजनों के मन से टोनही, भूत-प्रेत का खौफ हटाने के लिए समिति भ्रमण कर ग्रामीणजनों से सम्पर्क करेगी.

    डाॅ. दिनेश मिश्र ने कहा अंचल में हरियाली अमावस्या (हरेली) के संबंध में काफी अलग अलग मान्यताएं हैं अनेक स्थानों पर इसे जादू-टोने से जोड़कर भी देखा जाता है, कहीं-कहीं यह भी माना जाता है कि इस दिन, रात्रि में विशेष साधना से जादुई सिद्वियां प्राप्त की जाती है जबकि वास्तव में यह सब परिकल्पनाएं ही हैं, जादू - टोने का कोई अस्तित्व नहीं है तथा कोई महिला टोनही नहीं होती। पहले जब बीमारियों व प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में जानकारी नहीं थी तब यह विश्वास किया जाता था कि मानव व पशु को होने वाली बीमारियां जादू-टोने से होती है। बुरी नजर लगने से, देखने से लोग बीमार हो जाते है तथा इन्हें बचाव के लिए गांव, घर को तंत्र-मंत्र से बांध देना चाहिए तथा ऐसे में कई बार विशेष महिलाओं पर जादू-टोना करने का आरोप लग जाता है वास्तव में सावन माह में बरसात होने से वातावरण का तापमान अनियमित रहता है, उसम, नमी के कारण बीमारियों को फैलाने वाले कारकों बैक्टीरिया व कीटाणु अनुकूल वातावरण पाकर काफी बढ़ जाते है। गंदगी, प्रदूषित पीने के पानी, भोज्य पदार्थ के दूषित होने, मक्खियां, मच्छरो के बढने से बीमारियां एकदम से बढ़ जाती है। जिससे गांव गांव में आंत्रशोध, पीलिया, वायरल फिवर, मलेरिया के मरीज बढ़ जाते है तथा यदि समय पर ध्यान नहीं दिया गया हो तो पूरी बस्ती ही मौसमी संक्रामक रोगों की शिकार हो जाती है। वहीं हाल फसलों व पशुओं का भी होता है, इन मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पीने का पानी साफ हो, भोज्य पदार्थ दूषित न हो, गंदगी न हो, मक्खिंया, मच्छर न बढ़े,जैसी बुनियादी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां रखने से लोग पशु बीमारियों से बचे रह सकते है। इस हेतु किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र से घर, गांव बांधने की आवश्यकता नहीं है।  कोरोना तथा अन्य संक्रमणों से बचाव के लिए साफ-सफाई,सावधानी, मास्क पहिनना, सोशल डिस्टेन्स रखना ,बार बार हाथ धोना  अधिक आवश्यक है, इसके बाद यदि कोई व्यक्ति इन बीमारियों से संक्रमित हो तो उसे फौरन चिकित्सकों के पास ले जाये, संर्प दंश व जहरीले कीड़े के काटने पर भी चिकित्सकों के पास पहुंचे।
    डाॅ. मिश्र ने कहा पिछले कुछ वर्षो से यह देखा जा रहा है कि हरेली अमावस्या को दिन में भी बच्चे व कई लोग जादू-टोने व नजर लगने से बचने के लिए नीम की टहनी, साइकिलों, रिक्शे व गाड़ियों में लगातार घूमते दिखाई देते है।  पालकों व शिक्षकों को बच्चों को ऐसे अंधविश्वास से बचने की सलाह देना चाहिए। नीम की टहनी तोड़-तोड़कर वृक्ष को नुकसान पहुंचाने के बजाय घर के आसपास नीम के पौधे लगाये ताकि वातावरण शुद्ध हो। बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई, पानी को छानकर, उबालकर पीने, प्रदूषित भोजन का उपयोग न करने तथा गंदगी न जमा होने देने जैसी बातों पर लोग ध्यान देंगे तथा स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहेंगे तो तंत्र-मंत्र से बांधनें की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बीमारियों खुद-ब-खुद नजदीक नहीं फटकेंगी, मक्खिंया व मच्छर किसी भी कथित तंत्र-मंत्र से अधिक खतरनाक है  
    डाॅ. मिश्र ने कहा हरेली अमावस्या पर भी अंधविश्वास, जादू-टोने, टोनही की मान्यता के विरोध में जरूरी चलाया जा रहा  ‘‘कोई नारी टोनही नहीं अभियान’’ जारी रहेगा। जिसमें टोनही, भूत-प्रेत का खौफ मिटाने के लिए व भ्रम दूर करने के लिए समिति के सदस्य रात्रि में भ्रमण कर ग्रामीणों से सम्पर्क कर भ्रम व अंधविश्वास दूर कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास करेंगे । 
  • संसदीय सचिवों और निगम- मंडलों के अध्यक्षों को मिला काम, जिला स्तर पर बनाऐ गए प्रभारी

    19-Jul-2020

     रायपुर : हरेली के मौके पर 20 जुलाई से प्रदेश में गोबर खरीदने की योजना की शुरूआत हो रही है। राज्य सरकार ने इसे गोधन न्याय योजना का नाम दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के तहत विभिन्न जिलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए मंत्रियों, संसदीय सचिवों और प्राधिकरणों के अध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें इन कार्यक्रमों के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री बघेल खुद, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय रायपुर जिले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की कमान संभालेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष दलेश्वर साहू दुर्ग जिले में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के प्रभारी हैं। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चन्द्राकर गरियाबंद, आबकारी मंत्री कवासी लखमा और अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भुवनेश्वर बघेल महासमुंद, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव बलौदाबाजार-भाटापारा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत बालोद, वन मंत्री मोहम्मद अकबर राजनांदगांव, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल रायगढ़, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के लिए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, कांकेर के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार प्रभारी होंगे। विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी धमतरी, संसदीय सचिव कुंवरसिंह निषाद बेमेतरा, संसदीय सचिव गुरूदयाल सिंह बंजारे कबीरधाम, संसदीय सचिव शकुन्तला साहू बिलासपुर, संसदीय सचिव डॉ. रश्मि आशीष सिंह मुंगेली, संसदीय सचिव  चंद्रदेव राय जांजगीर-चांपा, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लालजीत सिंह राठिया कोरबा जिले में आयोजित कार्यक्रमों के प्रभारी होंगे। सरगुजा जिले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए संसदीय सचिव यू.डी. मिंज, कोरिया के लिए संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े, जशपुर के लिए संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज और विधायक  रामपुकार सिंह को जिम्मेदारी मिली है। सूरजपुर के लिए संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव और सरगुजा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष खेलसाय सिंह, बलरामपुर-रामानुजगंज के लिए सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष  बृहस्पत सिंह और गुलाब कमरो, बस्तर के लिए संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी, कोण्डागांव के लिए संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव, दंतेवाड़ा के लिए बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष  लखेश्वर बघेल, सुकमा के लिए संसदीय सचिव रेखचंद जैन, नारायणपुर के लिए विधायक मोहन मरकाम,  बीजापुर जिले के कार्यक्रमों के लिए संसदीय सचिव इंद्रशाह मंडावी को प्रभारी बनाया गया है।

  • अनियमित कर्मचारी 23 को मनायेंगे "क्रांति दिवस" और निकालेंगे "वर्चुअल रैली"

    19-Jul-2020
    प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारी/अधिकारी के नियमितिकरण करने, विगत 4-5 वर्षों से निकाले गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल करने, छटनी न किये जाने, शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग/ठेका प्रथा को पूर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन करने, अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने वादा के विपरित सरकार द्वारा किसी प्रकार का प्रावधान/घोषणा नहीं होने से काफी निराश है और इस वादाखिलाफी के खिलाफ महासंघ अपने गतिविधियों को गति प्रदान करने दिनांक 23 जुलाई को "क्रांति दिवस" मनायेगा तथा "वर्चुअल रैली" का आयोजन कर रहा है। इसी परिपेक्ष्य में 20 जुलाई 2020 सोमवार को महासंघ प्रेसवार्ता भी कर रहा है| उक्त के माध्यम से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ एवं 60 से अधिक सहयोगी संगठन अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को सरकार तक पहुंचाएगी|
    उल्लेखनीय है माननीय मुख्यमंत्री एवँ कांग्रेस के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने हमारे संघर्ष के दिनों में हमारे मंच पर आये और उनकी सरकार बनने पर 10 दिवस में नियमित करने का वादा किया था तथा हमारी मांगों को कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा  वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में  अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया| इसी प्रकार दिनांक 14.02.2019 को आयोजित कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा इस वर्ष किसानों के लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा के वचन से हम काफी आशान्वित है| परन्तु अनियमित कर्मचारियों की छटनी ने हमारी कमर तोड़ दी है, छटनी से अनियमित साथियों में असुरक्षा, भय, असंतोष व्याप्त है|
    अनियमित संगठन अपनी नियमितीकरण एवं छटनी न करने की मांग सहित 5 सूत्रीय मांग को सरकार के समक्ष मजबूती से रखने हेतु आगामी महीनों में 75 से अधिक अनियमित संगठनों से समग्र समन्वय स्थापित कर अपने अनियमित आन्दोलन को तेज करेगा|
     
  • अनियमित कर्मचारी 23 को मनायेंगे "क्रांति दिवस" और निकालेंगे "वर्चुअल रैली"

    19-Jul-2020
    रायपुर : प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारी/अधिकारी के नियमितिकरण करने, विगत 4-5 वर्षों से निकाले गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल करने, छटनी न किये जाने, शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग/ठेका प्रथा को पूर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन करने, अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने वादा के विपरित सरकार द्वारा किसी प्रकार का प्रावधान/घोषणा नहीं होने से काफी निराश है और इस वादाखिलाफी के खिलाफ महासंघ अपने गतिविधियों को गति प्रदान करने दिनांक 23 जुलाई को "क्रांति दिवस" मनायेगा तथा "वर्चुअल रैली" का आयोजन कर रहा है। इसी परिपेक्ष्य में 20 जुलाई 2020 सोमवार को महासंघ प्रेसवार्ता भी कर रहा है| उक्त के माध्यम से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ एवं 60 से अधिक सहयोगी संगठन अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को सरकार तक पहुंचाएगी|
    उल्लेखनीय है माननीय मुख्यमंत्री एवँ कांग्रेस के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने हमारे संघर्ष के दिनों में हमारे मंच पर आये और उनकी सरकार बनने पर 10 दिवस में नियमित करने का वादा किया था तथा हमारी मांगों को कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा  वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में  अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया| इसी प्रकार दिनांक 14.02.2019 को आयोजित कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा इस वर्ष किसानों के लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा के वचन से हम काफी आशान्वित है| परन्तु अनियमित कर्मचारियों की छटनी ने हमारी कमर तोड़ दी है, छटनी से अनियमित साथियों में असुरक्षा, भय, असंतोष व्याप्त है|
    प्रदेश अध्यक्ष गोपाल गिरी गोस्वामी का कहना है कि अनियमित संगठन अपनी नियमितीकरण एवं छटनी न करने की मांग सहित 5 सूत्रीय मांग को सरकार के समक्ष मजबूती से रखने हेतु आगामी महीनों में 75 से अधिक अनियमित संगठनों से समग्र समन्वय स्थापित कर अपने अनियमित आन्दोलन को तेज करेगा|
     
     
     
     
     
  • अनियमित कर्मचारी 23 को मनायेंगे "क्रांति दिवस" और निकालेंगे "वर्चुअल रैली"

    19-Jul-2020
     रायपुर : प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारी/अधिकारी के नियमितिकरण करने, विगत 4-5 वर्षों से निकाले गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल करने, छटनी न किये जाने, शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग/ठेका प्रथा को पूर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन करने, अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने वादा के विपरित सरकार द्वारा किसी प्रकार का प्रावधान/घोषणा नहीं होने से काफी निराश है और इस वादाखिलाफी के खिलाफ महासंघ अपने गतिविधियों को गति प्रदान करने दिनांक 23 जुलाई को "क्रांति दिवस" मनायेगा तथा "वर्चुअल रैली" का आयोजन कर रहा है। इसी परिपेक्ष्य में 20 जुलाई 2020 सोमवार को महासंघ प्रेसवार्ता भी कर रहा है| उक्त के माध्यम से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ एवं 60 से अधिक सहयोगी संगठन अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को सरकार तक पहुंचाएगी|
    उल्लेखनीय है माननीय मुख्यमंत्री एवँ कांग्रेस के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने हमारे संघर्ष के दिनों में हमारे मंच पर आये और उनकी सरकार बनने पर 10 दिवस में नियमित करने का वादा किया था तथा हमारी मांगों को कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा  वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में  अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया| इसी प्रकार दिनांक 14.02.2019 को आयोजित कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा इस वर्ष किसानों के लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा के वचन से हम काफी आशान्वित है| परन्तु अनियमित कर्मचारियों की छटनी ने हमारी कमर तोड़ दी है, छटनी से अनियमित साथियों में असुरक्षा, भय, असंतोष व्याप्त है|
    अनियमित संगठन अपनी नियमितीकरण एवं छटनी न करने की मांग सहित 5 सूत्रीय मांग को सरकार के समक्ष मजबूती से रखने हेतु आगामी महीनों में 75 से अधिक अनियमित संगठनों से समग्र समन्वय स्थापित कर अपने अनियमित आन्दोलन को तेज करेगा|
     
  • अनियमित कर्मचारी 23 को मनाएंगे "क्रांति दिवस" और निकालेंगे "वर्चुअल रैली"

    19-Jul-2020
     
                 रायपुर : प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारी/अधिकारी अपनी मांगों  जैसे नियमितिकरण करने, विगत 4-5 वर्षों से निकाले गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल करने, छटनी न किये जाने, शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग/ठेका प्रथा को पूर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन करने, अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने , वादा के विपरित सरकार द्वारा किसी प्रकार का प्रावधान/घोषणा नहीं होने से काफी निराश है और इस वादा खिलाफी के खिलाफ महासंघ अपनी गतिविधियों को गति प्रदान करने 23 जुलाई को "क्रांति दिवस" मनायेगा तथा "वर्चुअल रैली" का आयोजन कर रहा है। 20 जुलाई सोमवार को महासंघ प्रेसवार्ता भी कर रहा है| उक्त के माध्यम से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ एवं 60 से अधिक सहयोगी संगठन अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को सरकार तक पहुंचाएगी|
                 उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री एवँ कांग्रेस के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने हमारे संघर्ष के दिनों में हमारे मंच पर आये और उनकी सरकार बनने पर 10 दिवस में नियमित करने का वादा किया था तथा हमारी मांगों को कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा  वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में  अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया| इसी प्रकार दिनांक 14.02.2019 को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा इस वर्ष किसानों के लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा के वचन से हम काफी आशान्वित है| परन्तु अनियमित कर्मचारियों की छटनी ने हमारी कमर तोड़ दी है, छटनी से अनियमित साथियों में असुरक्षा, भय, असंतोष व्याप्त है| संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल गिरी गोस्वामी ने कहा कि संगठन अपनी नियमितीकरण एवं छटनी न करने की मांग सहित 5 सूत्रीय मांग को सरकार के समक्ष मजबूती से रखने हेतु आगामी महीनों में 75 से अधिक अनियमित संगठनों से समग्र समन्वय स्थापित कर अपने अनियमित आन्दोलन को तेज करेगा|
  • 21 से होगा लॉक डाऊन, जिलाधिकारी को अधिकार

    18-Jul-2020

     

    रायपुर : आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रियों के साथ बैठक हुई, जिसमें इस बात का निर्णय लिया गया है कि 21 जुलाई के बाद प्रदेश में लॉकडाउन लगाया जायेगा। लेकिन इसकी अवधि अभी तय नहीं हुई है कि कब तक । जिलों की स्थिति के आधार कलेक्टर निर्णय लेंगे कि लॉकडाउन कितने दिनों का होगा, हालांकि ये लॉकडाउन 7 दिन से कम का नहीं होगा। हालांकि पहले ये माना जा रहा था कि पूरे  छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन लगाया जा सकता है, लेकिन कलेक्टरों को दिये गये अधिकार के बाद अब संपूर्ण प्रदेश में लॉकडाउन नहीं होगा, बल्कि ज्यादा संक्रमित जिलों में ही लॉकडाउन लगाया जायेगा। वहीं ज्यादा नगरीय क्षेत्रों में ही लॉकडाउन लगाने की स्थिति अभी प्रदेश में बन रही है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 5000 से ज्यादा पहुंच गयी है, वहीं राजधानी रायपुर में भी मरीजों की संख्या 1000 से ज्यादा हो गयी है। आज शनिवार एवं कल रविवार के साथ सोमवार को हरेली पर्व के कारण 21 तारीख मंगलवार से लॉक डाउन लगाया जाएगा।

     

    आज शाम मंत्री रविंद्र चौबे ने पत्रकारों से कहा कि तत्काल  lockdown लगाने के कारण लोगों को बहुत समस्या होती है  । अभी 3 दिन छुट्टी होने के कारण जनता को समय मिलेगा, कम से कम लोगों को 3 दिन का समय मिलना चाहिए। हमने जिला कलेक्टर को सभी अधिकार देती हैं अब 21 जुलाई से लॉक डाउन लगाया जाएगा। रविन्द्र चौबे ने कहा रायपुर के बिरगांव के रहवासियों का पूरा कोरोना टेस्टिंग की जाएगी।

  • After 21 will be locked down… Rights given to collectors

    18-Jul-2020

     रायपुर : प्रदेश सरकार ने मंत्री मंडल की एक अहम बैठक में 21 जुलाई के बाद लाॅक डाउन का निर्णय लिया है । हालांकि पूरे प्रदेश में एक साथ लाॅक डाउन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिलों के कलेक्टरों को इसके लिए अधिकृत किया है। आदेश में कहा गया कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति बिगड़ती नजर आएगी, वहां के कलेक्टर अपने विवेक का उपयोग करते हुए लाॅकडाउन की घोषणा कर सकते हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि कलेक्टर कितने समयावधि के लिए लाॅक डाउन करेंगे, यह भी उन पर निर्भर करेगा।

  • 21 के बाद होगा लाॅक डाउन… कलेक्टरों को दिया गया अधिकार

    18-Jul-2020

     रायपुर : छत्तीसगढ़ में लाॅक डाउन को लेकर आज एक अहम बैठक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने कैबिनेट के साथ की। बैठक में कैबिनेट का निर्णय आ चुका है, जिसमें भूपेश सरकार ने 21 के बाद लाॅक डाउन किए जाने की बात कही है। हालांकि पूरे प्रदेश में एक साथ लाॅक डाउन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिलों के कलेक्टरों को इसके लिए अधिकृत किया है। आदेश में कहा गया कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति बिगड़ती नजर आएगी, वहां के कलेक्टर अपने विवेक का उपयोग करते हुए लाॅकडाउन की घोषणा कर सकते हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि कलेक्टर कितने समयावधि के लिए लाॅक डाउन करेंगे, यह भी उन पर निर्भर करेगा।

  • महिला एएसपी को कोरोना की चपेट में , मचा हड़कंप

    18-Jul-2020

     बिलासपुर : बिलासपुर में अब एडिशनल एसपी अर्चन झा कोरोना के चपेट में आ गा गई है। रिपोर्ट पोजिटिव आने के बाद महिला पुलिस अधिकारी अर्चना झा को उपचार के लिए कोविड अस्पताल में भरती कराया गया है। साथ ही उनके स्टाफ और परिजन के जाँच के सैम्पल भी लिए जा रहे है। साथ ही उनके कार्यालय को सील किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग यह पता करने का प्रयास कर रहा है कि इस बीच वे कौन कौन से बैठक में शामिल हुई है। उस आधार पर उन सभी के जांच की जायेगी। 

  • पुलिस-नक्सलियों में मुठभेड़, भारी मात्रा में सामान बरामद

    18-Jul-2020

     राजनांदगांव : जिले के औधी थाना क्षेत्र के ग्राम बोगाटोला जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई । पुलिस के मुताबिक औधी के ग्राम बोगाटोला-निडेली-दोडके के बीच जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर जिला बल,डीआरजी मदनवाड़ा एवं आईटीबीपी औधीं की पार्टी सर्चिंग हेतु रवाना की गई थी।सर्चिंग के दौरान करीबन 1 बजे पुलिस पार्टी की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गयी । घटना स्थल से नक्सलियों के पीट्ठू एवं अन्य सामान मिले है : पुलिस पार्टी द्वारा सर्चिंग जारी है । एएसपी नक्सल ऑपरेशन गोरखनाथ बघेल ने इसकी पुष्टि‌ की।

  • अवैध कटाई के मामले में बीट गार्ड ने रेंजर और डिप्टी रेंजर पर की करवाई...

    18-Jul-2020

     कोरबा : कोरबा में एक बीट गार्ड ने बांस की अवैध कटाई के मामले में रेंजर और डिप्टी रेंजर न केवल परेड ली बल्कि  खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दोनों अधिकारियों पर पंचनामा बनाकर मामला दर्ज कर लिया । बीट गार्ड की कार्रवाई से वन मंडल में हड़कंप मचा हुआ है। घटना कोरबा जिले के वन मंडल कटघोरा की है। 16 जुलाई को बांकीमोगरा हल्दीबाड़ी स्थित बाड़ी में 11 मजदूरों से 353 बांस की कटाई कराई गई। कटाई के दौरान शेखर रात्रे विभागीय आदेश पर ट्री गार्ड लेने के लिए मरवाही गया हुआ था। शुक्रवार सुबह लौटने पर देखा मजदूर बाड़ी में बांस की कटाई कर रहे थे । उसने मजदूरों से पूछताछ की तो मजदूरों ने रेंजर मृत्युंजय शर्मा और डिप्टी रेंजर अजय कौशिक के मौखिक आदेश पर बांस काटना बताया। उसने दोनों अधिकारियों को मौके पर बुलाया। रेंजर और डिप्टी रेंजर से बांस की कटाई से संबंधित विभागीय आदेश दिखाने के लिए कहा। दोनों अधिकारी आदेश नहीं दिखा सके। यह कह कर मामले को शांत कराने की कोशिश कि बांस की कटाई विभागीय कार्य के लिए हो रही है। यह सुनकर बीट गार्ड भड़क गया। उसने रेंजर को सख्त लहजे में कहा, मैं इस बीट का प्रभारी हूं। मेरी जानकारी के बिना कैसे बांस की कटाई की गई। थ्री स्टार लगाते हो और नियम मालूम नहीं। बीट गार्ड ने मौके पर यह भी कहा, आप रेंजर होंगे लेकिन यहां का अधिकारी मैं हूं। थ्री स्टार लगाते हो, नियम कानून पता है या नहीं, रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में बांस कटाई का। बीट गार्ड ने रेंजर की वर्दी उतरवाने तक की धमकी दे डाली। रेंजर और डिप्टी रेंजर के खिलाफ कार्रवाई के लिए वन अधिनियम के तहत पंचनामा तैयार कर दिया। पंचनामा में 11 मजदूरों को भी शामिल किया। बांस कटाई में उपयोग की गई कुल्हाड़ी सहित अन्य औजार को जब्त कर लिया। कार्रवाई के लिए मामला वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेज दिया। बीट गार्ड की कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

  • अब हर कोई को मास्क से मुहं- नाक ढकना जरूरी अन्यथा देना पड़ेगा जुर्माना

    18-Jul-2020

     रायपुर : प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। सरकार की तमाम कोशिशों पर लोगों की लापरवाही भारी पड़ने लगी है। यहां तक कि रायपुर में भी लोग नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आते। इसके चलते रायपुर नया हॉट स्पॉट बनकर सामने आया है। इसी वजह से नियमों को और भी सख्त बनाया जा रहा है। एक ओर जहां जुर्माना वसूला जाएगा, वहीं नहीं देने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के आदेश में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थलों, कार्यालयों, फैक्ट्रियों में काम करने, अस्पतालों, बाजारों व भीड़-भाड़ वाले स्थानों, गलियों में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मास्क या मुह व नाक को ढंकना अनिवार्य है। इसके साथ ही दो पहिया और चार पहिया वाहन में बैठे प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना होगा। मास्क नहीं होने की स्थिति में गमछा, रुमाल, दुपट्टा से भी फेस कवर कर सकते हैं, पर नाक व मुंह ढंकना अनिवार्य होगा । सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर पहले से ही प्रतिबंध है, लेकिन अब इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। वहीं दुकानों, व्यवसायिक संस्थानों की ओर से  सोशल डिस्टेंसिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर जुर्माना ज्यादा देना पड़ेगा। होम क्वारैंटाइन में रहने वाले व्यक्तियों को शासन की ओर से समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य है। सर्वजनिक जगहों पर मास्क/फेस कवर नहीं पहनने पर -100 रुपए, होम क्वारैंटाइन के निर्देशों का उल्लंघन करने पर - 100 रुपए, सार्वजनिक स्थलों पर थूकते हुए पाए जाने पर – 100 रुपए तथा दुकानों, व्यवसायिक संस्थानों के मालिकों की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग या फिजिकल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर- 200 रुपए जुर्माना वसूले जाएंगे । 

     

  • यथावत रहेगी छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी की स्वायत्तता : विशाल कुकरेजा

    18-Jul-2020
        रायपुर : सेंट्रल सिंधी पंचायत के अध्यक्ष अमर पंजवानी,महासचिव अशोक धावना,दौलत रोहड़ा एवं युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष विशाल कुकरेजा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि समाज के कुछ लोग अपनी राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए भ्रमित समाचार छपवाकर वाहवाही लूटने का प्रयास करते है,जबकि वास्तविकता यह है कि सिंधी भाषा व संस्कृति संबंधी गतिविधियों के सुगम संचालन हेतु स्वायत्तता दी जा रही है। संस्कृति विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी का गठन किया गया है। इस संबंध में 4 जून 2007 को छत्तीसगढ़ राजपत्र में विधिवत अधिसूचना का प्रकाशन भी हुआ है। 
         राज्य शासन की संस्कृति नीति एवं छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के उद्देश्यों के अनुरूप छत्तीसगढ़ में सिंधी भाषा एवं साहित्य के संरक्षण एवं विकास के लिए आवश्यक प्रयत्न एवं समस्त उपाय हेतु छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी कार्य करेगा। अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष किये गए कार्यों का प्रतिवेदन परिषद को प्रस्तुत करना होगा। उक्त अकादमी के स्वरूप में परिषद द्वारा निर्णय लिए जाने की स्थिति में आवश्यकतानुसार संशोधनध्परिवर्तन किया जा सकेगा। वर्तमान छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी के उपलब्ध बजट एवं समस्त चल-अचल संपत्ति एवं स्वायत्तता में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। समाज को भ्रामक खबरों से चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। राज्य में छत्तीसगढ़ की कला, फिल्म, लोक और आदिवासी कला, साहित्य और छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग के समरूप ही सिंधी अकादमी परिषद के अंतर्गत संचालित होगी। इस अकादमी के कार्यकलापों के लिए पूर्ण स्वायत्तता होगी, इस प्रकार उसके वर्तमान स्वरूप में आवश्यक संशोधन उसी स्थिति में किया जाएगा, जो अकादमी के कार्य संचालन की दृष्टि से सुगम और व्यावहारिक हो ताकि अकादमी के उद्देश्यों की बेहतर पूर्ति हो स
  • यथावत रहेगी छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी की स्वायत्तता : विशाल कुकरेजा

    18-Jul-2020
        रायपुर : सेंट्रल सिंधी पंचायत के अध्यक्ष अमर पंजवानी,महासचिव अशोक धावना,दौलत रोहड़ा एवं युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष विशाल कुकरेजा ने एक संयुक्त बयान में कहा कि समाज के कुछ लोग अपनी राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए भ्रमित समाचार छपवाकर वाहवाही लूटने का प्रयास करते है,जबकि वास्तविकता यह है कि सिंधी भाषा व संस्कृति संबंधी गतिविधियों के सुगम संचालन हेतु स्वायत्तता दी जा रही है। संस्कृति विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी का गठन किया गया है। इस संबंध में 4 जून 2007 को छत्तीसगढ़ राजपत्र में विधिवत अधिसूचना का प्रकाशन भी हुआ है। 
         राज्य शासन की संस्कृति नीति एवं छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के उद्देश्यों के अनुरूप छत्तीसगढ़ में सिंधी भाषा एवं साहित्य के संरक्षण एवं विकास के लिए आवश्यक प्रयत्न एवं समस्त उपाय हेतु छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी कार्य करेगा। अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष किये गए कार्यों का प्रतिवेदन परिषद को प्रस्तुत करना होगा। उक्त अकादमी के स्वरूप में परिषद द्वारा निर्णय लिए जाने की स्थिति में आवश्यकतानुसार संशोधनध्परिवर्तन किया जा सकेगा। वर्तमान छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी के उपलब्ध बजट एवं समस्त चल-अचल संपत्ति एवं स्वायत्तता में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। समाज को भ्रामक खबरों से चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। राज्य में छत्तीसगढ़ की कला, फिल्म, लोक और आदिवासी कला, साहित्य और छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग के समरूप ही सिंधी अकादमी परिषद के अंतर्गत संचालित होगी। इस अकादमी के कार्यकलापों के लिए पूर्ण स्वायत्तता होगी, इस प्रकार उसके वर्तमान स्वरूप में आवश्यक संशोधन उसी स्थिति में किया जाएगा, जो अकादमी के कार्य संचालन की दृष्टि से सुगम और व्यावहारिक हो ताकि अकादमी के उद्देश्यों की बेहतर पूर्ति कर सके । 
  • यथावत रहेगी छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी की स्वायत्तता : विशाल कुकरेजा

    18-Jul-2020
        रायपुर : सेंट्रल सिंधी पंचायत के अध्यक्ष अमर पंजवानी,महासचिव अशोक धावना,दौलत रोहड़ा एवं युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष विशाल कुकरेजा ने कहा कि समाज के कुछ लोग अपनी राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए भ्रमित समाचार छपवाकर वाहवाही लूटने का प्रयास करते है,जबकि वास्तविकता यह है कि सिंधी भाषा व संस्कृति संबंधी गतिविधियों के सुगम संचालन हेतु स्वायत्तता दी जा रही है। संस्कृति विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी का गठन किया गया है। इस संबंध में 4 जून 2007 को छत्तीसगढ़ राजपत्र में विधिवत अधिसूचना का प्रकाशन भी हुआ है। 
         राज्य शासन की संस्कृति नीति एवं छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के उद्देश्यों के अनुरूप छत्तीसगढ़ में सिंधी भाषा एवं साहित्य के संरक्षण एवं विकास के लिए आवश्यक प्रयत्न एवं समस्त उपाय हेतु छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी कार्य करेगा। अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष किये गए कार्यों का प्रतिवेदन परिषद को प्रस्तुत करना होगा। उक्त अकादमी के स्वरूप में परिषद द्वारा निर्णय लिए जाने की स्थिति में आवश्यकतानुसार संशोधनध्परिवर्तन किया जा सकेगा। वर्तमान छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी के उपलब्ध बजट एवं समस्त चल-अचल संपत्ति एवं स्वायत्तता में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। समाज को भ्रामक खबरों से चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। राज्य में छत्तीसगढ़ की कला, फिल्म, लोक और आदिवासी कला, साहित्य और छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग के समरूप ही सिंधी अकादमी परिषद के अंतर्गत संचालित होगी। इस अकादमी के कार्यकलापों के लिए पूर्ण स्वायत्तता होगी, इस प्रकार उसके वर्तमान स्वरूप में आवश्यक संशोधन उसी स्थिति में किया जाएगा, जो अकादमी के कार्य संचालन की दृष्टि से सुगम और व्यावहारिक हो ताकि अकादमी के उद्देश्यों की बेहतर पूर्ति हो सके।
     
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