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छत्तीसगढ़

  • दो शुभ मुहूर्त के बाद पांच महीने तक करनी पड़ेगी शादी की प्रतीक्षा

    27-Jun-2020

                   रायपुर : अगले  महीने 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी पड़ रही है। इस दिन सभी देवगण चार माह के लिए विश्राम पर चले जाएंगे और चातुर्मास का शुभारंभ हो जाएगा। देवशयनी एकादशी से पहले मात्र दो शुभ मुहूर्त बचे हैं। इसके बाद चातुर्मास लग जाने से अगले पांच माह तक अनेक शुभ संस्कार नहीं होंगे। शादी की शहनाइयां भी नहीं बजेंगी।

              इन दिनों भगवान जगन्नाथ अपने मूल मंदिर में नहीं हैं। वे 23 जून को अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर गए, जहां विश्राम कर रहे हैं। भगवान के विश्राम की अवधि दशमी तिथि को खत्म होगी। इसके अगले दिन एकादशी को भगवान वापस अपने मूल मंदिर में लौटेंगे। इसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं। साथ ही अन्य देवगण भी विश्राम करते हैं।
              हिंदू संवत्सर के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक भगवान का विश्राम काल माना जाता है। 25 नवंबर को जिस दिन भगवान जागेंगे उस दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। इसके साथ ही पुनः सभी शुभ संस्कारों की शुरुआत होगी।
     
  • कोरोना / 9 मेडिकल छात्र समेत 37 नए मरीज मिले

    26-Jun-2020

                रायपुर : प्रदेश की राजधानी रायपुर में कोरोना का पहला मरीज मिले 100 दिन पूरे हो गए है | आज बीजापुर में सीआरपीएफ का एक अफसर कोरोना पाॅजिटिव मिला । अब प्रदेश के सभी 28 जिलों में कोरोना का संक्रमण मिल गया। राजधानी रायपुर में भी कोरोना के 9 मरीज मिले हैं, पर ये सभी किर्गिस्तान से लौटे मेडिकल छात्र हैं और दो हॉस्टल में पेड क्वारेंटाइन हैं। इनमें से एक रामानुजगंज के विधायक का बेटा भी है। गुरुवार को राजनांदगांव- रायगढ़ से 4-4, बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर व गरियाबंद से 3-3, जगदलपुर से 2, दंतेवाड़ा व बेमेतरा से एक-एक केस पाजिटिव आया है। देर रात 4 मरीज मिले थे, जिसे मिलाकर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2458 हो गई है। इनमें एक्टिव केस 715 हैं और 1729 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 

    128 मरीजों को मिली छुट्टी 
               राहत की बात ये है कि गुरुवार को 128 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। 
     कम्युनिटी स्प्रेड नहीं
                रायपुर में लगातार मरीज बढ़ने का कारण संक्रमितों के संपर्क में आना है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यहां अभी कम्युनिटी स्प्रेड की संभावना नहीं है। जून में ही रायपुर में 230 नए मरीजों की पहचान हुई है। 94 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है जबकि 150 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसके अलावा चार जिलों बिलासपुर, पेंड्रा, जगदलपुर व दंतेवाड़ा में अब कोई मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है।
    12 अगस्त तक नियमित  ट्रेनें नहीं चलेंगी 
                देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय रेलवे ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया। अब 12 अगस्त तक कोई भी रेगुलर ट्रेन नहीं चलाई जाएगी। मतलब 12 अगस्त तक पैसेंजर, एक्सप्रेस ट्रेंनों का संचालन नहीं होगा। जिन लोगों के टिकट 12 अगस्त तक बुक हैं, उन्हें पूरा किराया रेलवे वापस करेगी। गुरुवार को रेलवे बोर्ड ने इसका सर्कुलर जारी कर दिया। इस दौरान स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी।
    बीजापुर जिला भी चपेट मे
                  बस्तर संभाग का बीजापुर जिला ही कोरोना से अछूता बचा था। जिस सीआरपीएफ अफसर में कोरोना मिला, वह 20 जून को ही छुट्‌टी से लौटा है। अब संक्रमण सभी जिलों में फैल चुका है। बस्तर में 73 मरीज हैं। इनमें से कांकेर में सर्वाधिक 45 पाजिटिव मिले थे। जगदलपुर में 7, कोंडागांव में 3, दंतेवाड़ा में 3, सुकमा में 5, नारायणपुर में 9 मरीज हैं। सुकमा में 20 जून को कोरोना की दस्तक हुई थी।
  • अब शर्तों के साथ चलेंगी यात्री बसें

    25-Jun-2020

              रायपुर : राज्य शासन ने आम जनता की आवश्यकता और सुविधा को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर तथा अंतर-जिला आवागमन के लिए यात्री बसों के संचालन की अनुमति दे दी है। राज्य शासन ने यात्री बसों के परिचालन के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा जारी गाईडलाइन एवं सुरक्षा मानकों का पूर्णतः पालन करने के निर्देश दिए हैं। परिवहन आयुक्त ने राज्य में यात्री बसों के संचालन के संबंध में अवगत कराया है कि प्राधिकार द्वारा जारी अनुज्ञा पत्र में दर्शित समय-चक्र तथा फेरे के अनुसार यात्री बसों की संचालन की अनुमति होगी। इसी तरह यात्री बसों के संचालन में प्राधिकार द्वारा जारी अनुज्ञा पत्र के समस्त शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा।केवल निर्धारित स्टापेज पर ही बसें रूकेंगी। यात्रा के दौरान बसों के चालक, परिचालक तथा समस्त यात्रियों को चेहरे पर मास्क अनिवार्य रूप से लगाना होगा। परिचालक के द्वारा यात्रियों के बस में चढ़ते अथवा बैठते व उतरते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।इसी तरह बस संचालक नियमित अंतराल में वाहनों को सैनेटाईज करना सुनिश्चित करेंगे। बसों के सैनेटाईजेशन के लिए सोडियम हाईपोफ्लोराईड जैसे रसायनों का छिड़काव किया जा सकता है। वाहन चालक तथा परिचालक को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए समस्त सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है।बस में यात्रा के दौरान सोशल व फिजिकल डिस्टेंसिंग तथा कोविड-19 के नियंत्रण के लिए शासन तथा जिला प्रशासन द्वारा जारी समस्त दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। यात्रा के दौरान यात्रियों तथा चालक द्वारा धूम्रपान, पान, गुटखा, खैनी इत्यादि खाना एवं थूकना प्रतिबंधित रहेगा। बस मालिक के द्वारा बसों के संचालन के मार्ग के अनुसार तथा तिथिवार चालक एवं परिचालक का रिकार्ड संधारित करना होगा।यात्रियों को यात्रा के दौरान ई-पास प्राप्त करने की बाध्यता नहीं रहेगी। बस में यात्रा करने वाले यात्रीगण किस जिले से किस गंतव्य जिले तक यात्रा कर रहे हैं, नामजद सूची बनाकर रखेंगे, जिसे प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग हेतु उपलब्ध कराएंगे। चालक के केबिन में प्रवेश वर्जित रहेगा। बस में केबिन नहीं होने की दशा में प्लास्टिक अथवा पर्दे से केबिन का निर्माण कर चालक को यात्रियों के संपर्क से अलग रखा जाना भी सुनिश्चित करना अनिवार्य किया गया है।

     
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