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  • मोदी सरकार ने ‘हिन्दुस्तान’ की पहल को किया साकार, क्या है पूर्वोदय प्लान जिसमें 5 राज्य होंगे कवर

    24-Jul-2024

    आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ की पहल पूर्वोदय को केंद्र सरकार साकार करने जा रही है। प्रकृति की सुंदरता, सजीव सांस्कृतिक विरासत को समेटे पूर्वी क्षेत्र के खान-खनिज और अनाज से भारत को उन्नत करने वाले राज्य विकास की मुख्यधारा से पिछड़े रहे। हिन्दुस्तान ने पूर्वोतर के राज्यों के विकास की अवधारणा को पाने के उद्देश्य से अपने विभिन्न संस्करणों में पूर्वोदय की शुरुआत की थी। केंद्र और राज्य तथा पक्ष-विपक्ष के बड़े नीति निर्धारकों, समाज में प्रबुद्ध स्थान रखने वाले शख्सियतों के साथ ‘पूर्वोदय’ अभियान के तहत संवाद का आयोजन किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम रहे। अब भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2024 में विकास की इसी अवधारणा को हासिल करने के उदेश्य से पूर्वोदय की शुरुआत की है।

     
    पूर्वोदय से कैसे बदलेगी पांच राज्यों की तस्वीर
     
    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वोदय नामक योजना तैयार करने का ऐलान किया है। इस योजना में मानव संसाधन विकास (Human Resource Development), अवसंरचना (Infrastructure) और आर्थिक अवसरों का सृजन शामिल किया जाएगा, ताकि यह क्षेत्र विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाए। इन राज्यों में पूर्वादय के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए विशेष स्कीम शुरू की जाएगी। पूर्वोदय योजना के तहत राज्यों में सरकार औद्योगिक गलियारे का भरपूर हर तरीके से समर्थन व सहयोग करेगी।
     
    सड़क परियोजनाओं के लिए केंद्र देगा सहायता
     
    बजट के अंतर्गत बिहार में 26 हजार करोड़ की लागत से प्रस्तावित किए गए पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का विकास और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने के लिए भी केंद्र सरकार सहायता देगी। झारखंड और बिहार के बीच आवागमन करने वाले लाखों लोगों को इन सड़क परियोजनाओं के पूरी होने से लाभ होगा।
     
    अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के संबंध केंद्र सरकार गया में औद्योगिक केंद्र के विकास में सहायता प्रदान करेगी। इस गलियारे से पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। गया का यह औद्योगिक केंद्र भविष्य के लिए देश के प्राचीन केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने के लिए एक अच्छा मॉडल भी बनेगा। झारखंड को भी इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा।

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  • मिडिल क्लास को बड़ी राहत, सस्ती होंगी ये दवाएं, एक की कीमत तो 3 लाख रुपये

    24-Jul-2024

    नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से मंगलवार को पेश बजट में मरीजों के लिए भी राहत भरी घोषणा थी। सरकार ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर कस्टम ड्यूटी घटाने के ऐलान किया है, जिसके बाद कीमतों में भारी कमी आ सकती है। खास बात है कि इसे भी आम आदमी के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार ने कई मेडिकल उपकरणों पर भी सीमा शुल्क घटाया है।

     
    ये हैं दवाएं
    केंद्र सरकार ने Trastuzumab Deruxtecan (स्तन कैंसर या गैस्ट्रोएसोफेगल एडेनोकार्सिनोमा के लिए), Osimeritinib (विशिष्ट उत्परिवर्तन वाले फेफड़ों के कैंसर के लिए) और Durvalumabs (फेफड़ों और पित्त नली के कैंसर के लिए)के आयात पर सीमा शुल्क से छूट देने का बजट में प्रस्ताव किया है। सरकार ने इन दवाओं पर लगने वाली 10 फीसदी ड्यूटी को शून्य पर लाने का प्रस्ताव दिया है।
     
    कितनी है कीमत
    इन तीनों दवाओं को ब्रिटेन की कंपनी AstraZeneca तैयार करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन एन्हेर्तु ब्रांड के तहत बेची जाती है, जिसकी कीमत 3 लाख रुपये प्रति वायल होती है। जबकि, ओसिमर्टिनिब का ब्रांड टागरिसू की 10 टैबलेट 1.51 लाख रुपये की आती हैं। डुरवालुमैब की कीमत 45 हजार 500 रुपये प्रति वायल होती है।
     
    क्या बोले जानकार
    पीटीआई भाषा से बातचीत में फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) डॉ.आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि इन दवाओं के आयात पर सीमा शुल्क की छूट देकर सरकार ने कैंसर के इलाज के दौरान पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने में ठोस कदम उठाया है।
     
    उन्होंने कहा कि इसके अलावा चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों के लिए बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) में बदलाव का प्रस्ताव करने से घरेलू ओईएम निर्माताओं को लागत कम करने, स्थानीय स्रोत को प्रोत्साहित करने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के कारण काफी लाभ होगा।

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  • संसद में बजट पर सरकार के खिलाफ खूब बरसे अखिलेश यादव

    24-Jul-2024

    नई दिल्‍ली. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट संसद में पेश किया। बजट की भाजपा और एनडीए के सहयोगी दल जहां खुलकर तारीफ कर रहे हैं वहीं विपक्ष इसकी जमकर आलोचना कर रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बजट के बहाने यूपी की योगी आदित्‍यनाथ सरकार पर भी निशाना साधा है। उन्‍होंने इशारों में दिल्‍ली और लखनऊ के बीच और उत्‍तर प्रदेश में भाजपा के अंदर चल रही सियासी खींचतान पर तंज कसते हुए कहा कि लगता है लखनऊ ने दिल्‍ली को नाराज कर दिया है। इसका असर बजट पर दिख रहा है।

     
    सपा प्रमुख ने कहा कि हम सभी मांग कर रहे थे कि किसानों को एमएसपी मिलना चाहिए, लेकिन समर्थन मूल्य किसानों के बजाय उन गठबंधन सहयोगियों को दिया जाता है जो अपनी सरकार बचा रहे हैं। सरकार महंगाई की रोकथाम के लिए  कुछ भी ठोस कदम नहीं उठा सकी। उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला। डबल इंजन सरकार से यूपी को डबल फायदा मिलना चाहिए था। मुझे लगता है कि लखनऊ ने दिल्ली को नाराज कर दिया है। डबल इंजन का क्‍या फ़ायदा?

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  • सुप्रीम कोर्ट का फैसला- NEET परीक्षा दोबारा नहीं होगी

    23-Jul-2024

    CJI ने कहा- पूरी परीक्षा में गड़बड़ी होने के पर्याप्‍त सबूत नहीं

    नई दिल्ली ।  NEET केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया है।  CJI ने कहा- फिलहाल, हम दागी स्टूडेंट्स को बेदागी स्टूडेंट्स से अलग कर सकते हैं। अगर जांच के दौरान दागियों की पहचान होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई स्टूडेंट्स इस फ्रॉड में शामिल पाया जाता है तो उसे एडमिशन नहीं मिलेगा।
     
    कोर्ट ने अभी अपना अंतिम फैसला सुरक्षित रखा है जिसके लिए कोई डेट जारी नहीं की है।
     
    NEET केस में CJI की बेंच के सामने मंगलवार को पांचवीं सुनवाई हुई। CJI  ने कहा- हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना रीएग्जाम का फैसला नहीं दे सकते हैं। हो सकता है कि CBI जांच के बाद पूरी तस्वीर ही बदल जाए, लेकिन आज हम किसी हालत में यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक सीमित नहीं है। 

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  • छत्तीसगढ़ में अब तक 401.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    23-Jul-2024

    रायपुर, राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 401.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 23 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 972.2 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 150.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।

    राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 224.0 मिमी, बलरामपुर में 355.9 मिमी, जशपुर में 260.5 मिमी, कोरिया में 264.0 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 224.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
    इसी प्रकार, रायपुर जिले में 325.2 मिमी, बलौदाबाजार में 361.3 मिमी, गरियाबंद में 483.7 मिमी, महासमुंद में 275.7 मिमी, धमतरी में 503.4 मिमी, बिलासपुर में 375.4 मिमी, मुंगेली में 419.1 मिमी, रायगढ़ में 338.5 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 206.1 मिमी, जांजगीर-चांपा में 340.1 मिमी, सक्ती में 286.7 कोरबा में 408.3 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 377.7 मिमी, दुर्ग में 254.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 344.3 मिमी, राजनांदगांव में 474.9 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 490.3 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 314.1 मिमी, बालोद में 594.0 मिमी, बेमेतरा में 254.2 मिमी, बस्तर में 538.1 मिमी, कोण्डागांव में 451.9 मिमी, कांकेर में 562.1 मिमी, नारायणपुर में 531.7 मिमी, दंतेवाड़ा में 528.3 मिमी और सुकमा जिले में 747.6 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

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  • दुनिया के वो 16 देश, जो अपने नागरिकों से एक रुपया भी नहीं वसूलते

    23-Jul-2024

    भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज बजट पेश कर रही हैं और हमेशा की तरह बजट में टैक्स पर सरकार का क्या फैसला होता है, इसपर बहस हो रहा है। टैक्स को लेकर हमेशा से विवाद रहा है, कि आखिर जनता से कितना टैक्स वसूला जाना चाहिए, टैक्स वसूलने का आधार क्या होना चाहिए और भी कई तरह के और सवाल उठते हैं।  लेकिन, सबसे अहम बात ये है, कि देश की इकोनॉमी को चलाने के लिए सरकार को पैसे चाहिए और आम नागरिकों से वसूला जाने वाला टैक्स, देश के खजाने के लिए सबसे अहम माना जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं, कि दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां जनता से एक रुपया भी टैक्स वसूला नहीं जाता है, फिर भी जितने भी वेलफेयर स्कीम होते हैं, उसका खर्च सरकारें खुद उठाती हैं। आइये ऐसे देशों के बारे में जानते हैं, जो टैक्स नहीं वसूलते हैं और ये भी जानने की कोशिश करते हैं, कि बिना टैक्स वसूले ये देश अपनी अर्थव्यवस्था को कैसे चलाते हैं?

     
    1. बहामास
     
    दुनिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक होने के नाते, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बहामास को अपने खजाने को संतुलित करने के लिए इनकम टैक्स लगाने की जरूरत नहीं है। अपने शानदार समुद्र तटों और विकासशील अर्थव्यवस्था के साथ, बहामास उन सबसे रहने योग्य देशों में से एक है जहां कोई इनकम टैक्स नहीं है। बहामास की नागरिकता अगर आपको चाहिए, तो वहां आप निवेश कर आसानी से नागरिकता हासिल कर सकते हैं। बहामास में अगर आपको अस्थाई निवास प्रमाणपत्र चाहिए, तो आपको 1000 डॉलर देने होंगे और हर साल इसे अपडेट करवा सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप वहां लंबे समय तक रहना चाहते हैं, तो आपको स्थायी निवास के लिए कम से कम 750,000 डॉलर की संपत्ति खरीदनी होगी।
     
    2. बहरीन
     
    बहरीन, फारस की खाड़ी में तेल की खोज करने वाले पहले देशों में से एक था और तेल मिलने के बाद ये दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक बन गया और यही वजह है, कि बहरीन में आम लोगों से एक रुपया भी टैक्स नहीं लिया जाता है। बहरीन में रहना काफी आसान है और मनाना जैसी जगहें काफी विकसित हैं, जहां भारी संख्या में प्रवासी भारतीय रहते हैं। हालांकि, बहरीन में स्थायी नागरिकता प्राप्त करना काफी मुश्किल काम है।
     
    3. बरमुडा
     
    उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित ब्रिटिश क्षेत्र बरमुडा, अपने गुलाबी रेतीले समुद्र तटों और ज़ीरो इनकम टैक्स के लिए जाना जाता है। बरमूडा की आबादी सिर्फ 64,000 है। यहां कसी को भी स्थायी नागरिकता नहीं दी जाती है, लेकिन अगर आप द्वीप पर जाना चाहते हैं, तो आप अल्पकालिक परमिट वीजा के साथ छह महीने तक रह सकते हैं। आप वहां वर्क परमिट पर भी रह सकते हैं जो आमतौर पर एक से पांच साल के लिए जारी किया जाता है।
     
    4. ब्रूनेई
     
    मलेशिया के बोर्नियो द्वीप पर स्थित इस छोटे से सल्तनत के पास इतना तेल है, कि वह इनकम टैक्स नहीं वसूलता है। हालांकि, बहरीन या बहामास के विपरीत, ब्रुनेई में रहना बेहद मुश्किल है। इसकी छवि विदेशियों के लिए बहुत दोस्ताना नहीं होने की है और सरकार, स्पष्ट रूप से, कठोर और तानाशाही है। यहां की स्थायी नागरिकता हासिल करना सवालों से बाहर की चीज है और यहां की नागरिकता तभी मिल सकती है, जब यहां के सुल्तान इजाजत दें। यहां इनकन टैक्स भले ही नहीं लिया जाता है, लेकिन लोगों के पास यहां आर्थिक स्वतंत्रता नहीं है।
     
    5. केमन द्वीपसमूह
     
    बहामास की तरह, केमैन आइलैंड्स के सुंदर समुद्र तट इतने पर्यटकों को आकर्षित करते हैं कि इनकम टैक्स लिए बिना ही यहां की सरकार देश चलाने में सक्षम हो जाती है। अगर किसी को यहां की नागरिकता चाहिए, तो वहां भारी-भरमक निवेश करना होगा और कारोबार स्थापित करना होगा।
     
    6. कुवैत
     
    इस लिस्ट में शामिल कई खाड़ी देशों की तरह, कुवैत को अपने बड़े तेल उद्योग की वजह से आयकर लगाने की जरूरत नहीं है। यह दुनिया के सबसे ज्यादा प्रवासी-अनुकूल देशों में से एक है, जहां विदेशी नागरिक आबादी का दो-तिहाई हिस्सा बनाते हैं। कुवैत शहर काफ़ी हद तक पश्चिमीकृत है और यहां घूमना-फिरना आसान है। हालांकि, इसे विदेशी निवेश की ज़्यादा जरूरत नहीं है, इसलिए निवेश के जरिए नागरिकता पाना सवाल से बाहर है। वहां स्थायी निवास प्राप्त करने के लिए आम तौर पर आपके पास कुवैती रिश्तेदार या देश के भीतर औपचारिक रोजगार होना जरूरी है।
     
    7. मालदीव
     
    आप बिना टैक्स दिए तकनीकी रूप से मालदीव में रह सकते हैं, जो हिंद महासागर में एक छोटा सा द्वीप देश है और भरपूर और महंगे रिसॉर्ट्स की बदौलत मालदीव सरकार को इनकम टैक्स की बहुत जरूरत नहीं होती है।
     
    हालांकि, मालदीव में टैक्स-फ्री जीवन बिताना पहली नजर में तो सुखद लगता है, लेकिन वहां लंबे समय तक रहना लगभग असंभव है। नागरिकता या स्थायी निवास के लिए आवेदन करने के लिए भी आपको सुन्नी मुसलमान होना चाहिए और फिर भी, देश में विदेशियों के लिए स्थायी निवासी बनने का कोई कार्यक्रम नहीं है, नागरिक बनने की तो बात ही छोड़िए।
     
    8. मोनाको
     
    मोनाको की स्थिति दुनिया के उन बेहतरीन देशों में से एक है, जहां इनकम टैक्स नहीं लगता है, और इसने इसे यूरोपीय अभिजात वर्ग के लिए एक खेल का मैदान बना दिया है। फ्रेंच रिवेरा पर स्थित यह खूबसूरत देश सुरक्षित और आलीशान है, फिर भी यह अपने निवासियों और नागरिकों से टैक्स नहीं लेता है। इसके अलावा, चूंकि यह देश हाई इनकम वाले, टैक्स-विरोधी लोगों को आकर्षित करता है, इसलिए इसके निकट भविष्य में टैक्स-फ्री रहने की संभावना है।
     
    9. नाउरू
     
    नाउरू दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर में एक छोटा सा द्वीप देश है, जिसका नाम सबसे पहले यूरोपीय नाविकों ने 'सुखद द्वीप' रखा था। दुर्भाग्य से, हालांकि, यह द्वीप अपने मूल नाम के मुताबिक नहीं लगता है।
     
    ज्यादातर लोग नाउरू को सिर्फ इसके हालिया मीडिया कवरेज के लिए जानते हैं, क्योंकि यह शरणार्थियों के लिए विवादास्पद ऑस्ट्रेलियाई-संचालित हिरासत शिविर का स्थान है। जबकि नाउरू में कई आकर्षक विशेषताएं हैं जो अन्य प्रशांत द्वीपों के मुकाबले आगंतुकों को आकर्षित करती हैं, लेकिन द्वीप के फॉस्फेट खनन उद्योग ने इसकी अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया है। हालांकि, यहां टैक्स नहीं वसूला जाता है। हालांकि, आशंका है, कि अगले कुछ सालों में ये द्वीप प्रशांत महासागर में बढ़ते जलस्तर की वजह से डूब जाएगा।
     
     10. ओमान 
     
    ओमान को भी अपने तेल और गैस उद्योग की बदौलत कोई टैक्स नहीं वसूलता है। इसके अलावा, अपने विशाल तेल और गैस भंडार के बावजूद, ओमान ने अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और इसे नए अवसरों के लिए देश की अर्थव्यवस्था को नये सिरे से खोलने का एक अलग प्रयास किया है। यह खाड़ी में अवसरों की तलाश करने वाले निवेशकों के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद इसे एक बढ़िया विकल्प बनाता है।
     
     11. कतर 
     
    कतर एक छोटा अरब देश है, जिसने तेल उद्योग के माध्यम से अपनी किस्मत बनाई है और जिसकी संस्कृति अत्यधिक रूढ़िवादी है, लेकिन विदेशी निवेश और बाहरी व्यावसायिक प्रभावों के कारण इसकी मानसिकता तेजी से बदल रही है। कतर में प्रति व्यक्ति आय काफी ज्यादा है और अब इसे मध्य पूर्व में सबसे विकसित देश माना जाता है। यह वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीति में भी एक अनूठी भूमिका निभाता है। 
     
    12. संत किट्ट्स और नेविस 
     
    अगर आप आसानी से टैक्स-फ्री नागरिकता हासिल करने के लिए कोई जगह तलाश रहे हैं, तो सेंट किट्स और नेविस से बेहतर कोई जगह नहीं है। यहां आप निवेश के जरिए नागरिकता हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा भी नागरिकता हासिल करने के लिए कई और विकल्प हैं। यहां निवेश-द्वारा-नागरिकता के दो विकल्प हैं। पहला विकल्प ये, कि आप यहां की सरकार के विकास कोष में ढाई लाख डॉलर फंड दे दें या फिर सरकार द्वारा स्वीकृत रियल एस्टेट परियोजना में कम से कम 400,000 अमेरिकी डॉलर का निवेश कर दें, या फिर निजी आवास में 800,00 अमेरिकी डॉलर का निवेश कर दें, फिर आसानी से आपको यहां की नागरिकता मिल जाएगी। 
     
    13. सोमालिया 
     
    सोमालिया, नाम सुनकर हैरानी होगी, क्योंकि ये दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। अल-शबाब जैसे विद्रोही समूह सोमालियाई क्षेत्र के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं, जबकि देश विनाशकारी मानवीय संकट का सामना कर रहा है। लाखों लोग तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं और जो एनजीओ यहां काम कर सकते थे, वे लगातार हमलों के बाद देश से बाहर निकल चुके हैं। कबीले के विद्रोह के साथ-साथ सूखे की स्थिति भी यहां के लोगों के लिए हालात मुश्किल बनाते हैं। यहां सरकार की तरफ से टैक्स नहीं लगाया जाता है, लेकिन अल-शबाब यहां पर लोगों से टैक्स वसूलता है, और स्थानीय कबीले इसका विरोध करते हैं, जिससे संघर्ष हिंसक हो जाता है। हालांकि, माना जा रहा है, कि बहुत जल्द यहां पर टैक्स लगाया जा सकता है। 
     
    14. संयुक्त अरब 
     
    अमीरात आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात दुनिया की 22वीं सबसे फ्री इकोनॉमी है और मध्य पूर्व/उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में पहले स्थान पर है, जिसका श्रेय व्यापार के लिए इसके खुलेपन और कम टैक्स को जाता है। अपने अधिकांश पड़ोसियों की तरह, यूएई तेल निर्यात से बहुत पैसा कमाता है, इसलिए निवासी वहां कर-मुक्त रह सकते हैं। यूएई की सरकार खुले तौर पर विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करती है और दुबई जैसे शहर अपनी उद्यमशीलता की भावना के लिए जाने जाते हैं। यूएई का निवासी बनना भी अन्य खाड़ी देशों की तुलना में काफी आसान है। जबकि विदेशी निवेशकों के लिए कोई स्थायी निवास कार्यक्रम मौजूद नहीं है, इसकी वीजा नीतियों को नेविगेट करना आसान होता जा रहा है। सरकार ने 10 साल के निवास वीजा भी जारी करना शुरू कर दिया है। 
     
    15. वानुअतु वानुअतु 
     
    अपनी सरकार को वित्तपोषित करने के लिए पर्यटन राजस्व पर निर्भर है। यह उन कुछ देशों में से एक है, जहां कोई टैक्स नहीं है और जहां आप जल्दी, आसानी से और अपेक्षाकृत सस्ते में दूसरा पासपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। 2015 में वानुअतु में आए विनाशकारी चक्रवात के बाद, इसकी सरकार ने नुकसान की भरपाई के लिए धन जुटाने में मदद करने के लिए 'नागरिकता-द्वारा-निवेश कार्यक्रम' को फिर से शुरू किया है। आज, वानुअतु का 'नागरिकता-द्वारा-निवेश कार्यक्रम' दुनिया में सबसे आसान में से एक है। यह कैरिबियन में इसी तरह के कार्यक्रमों की तुलना में काफी कम खर्चीला है और पिछले कुछ वर्षों में इसका पासपोर्ट काफी मजबूत हो गया है। वानुअतु की सबसे बड़ी समस्या वहां तक पहुंचना है। हालाँकि कुआलालंपुर जैसे हब से कुछ सस्ती उड़ानें हैं, लेकिन वहां यात्रा करना समय लेने वाला और महंगा है।
     
     16. वेस्टर्न सहारा 
     
    आप शायद पश्चिमी सहारा नहीं जाना चाहेंगे, लेकिन इनकम टैक्स फ्री सभी देशों में इसका भी नाम आता है। पश्चिमी सहारा, जिसे साहवारी गणराज्य के नाम से भी जाना जाता है, वहां टैक्स नहीं लगता है, लेकिन फिर यहां की सरकार कैसे चलती है, ये अभी भी एक रहस्य है। हालांकि यह तकनीकी रूप से एक विवादित क्षेत्र है, लेकिन वर्तमान में 36 देशों ने इसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं, और इसे अफ्रीकी संघ के पूर्ण सदस्य के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसकी टैक्स-फ्री स्थिति काफी हद तक एक रहस्य है। पश्चिमी सहारा के पास अपने प्राकृतिक संसाधनों से इतनी इनकम नहीं है, कि वह कर-मुक्त राज्य को सब्सिडी दे सके और यह एक पर्यटन केंद्र भी नहीं है। फिर भी यहां टैक्स नहीं वसूला जाता है।

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  • कर्नाटक हाई कोर्ट ने क्यों कहा, हम भी इंसान हैं… हमसे भी गलतियां हो जाती हैं, जानें पूरा मामला…

    21-Jul-2024

    बेंगलुरु :- कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने हाल के एक आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें कहा गया था कि केवल चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना आईटी अधिनियम के तहत अपराध नहीं है। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की खंडपीठ ने यह कहते हुए आदेश वापस ले लिया कि पीठ ने गुरुवार को आदेश पारित करते समय धारा 67बी (बी) को गलत तरीके से पढ़ा था। पीठ ने कहा, “हम भी इंसान हैं और हमसे भी गलतियां होती हैं। सुधार के लिए हमेशा अवसर होता है। इस संबंध में जांच की जाएगी और नया आदेश दिया जाएगा। यह आदेश रद्द किया जाता है।”

     
    पीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में दायर याचिका के बाद आईटी अधिनियम की धारा 67बी (ए) के तहत आदेश पारित किया गया था। आईटी अधिनियम की धारा 67बी (बी) में कहा गया है कि टेक्स्ट या डिजिटल चित्र बनाना, संग्रह करना, सर्च करना, ब्राउज़ करना, डाउनलोड करना, विज्ञापन बनाना, प्रसारित करना, आदान-प्रदान करना या बच्चों को अश्लील, अभद्र तरीके से चित्रित करना इस धारा के तहत जांच के लिए आते हैं।
     
     
    हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि केवल चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी देखना आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराध नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले से 50 मिनट तक चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी वाली वेबसाइट देखने के आरोपी व्यक्ति को राहत मिल गई थी। याचिकाकर्ता के खिलाफ आईटी अधिनियम की धारा 67बी (बच्चों से संबंधित सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत मार्च 2022 में शिकायत दर्ज की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि ऐसे मामले में धारा 67बी लागू नहीं की जा सकती क्योंकि उनके मुवक्किल ने केवल वेबसाइट देखी थी और कुछ भी प्रसारित नहीं किया था।

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  • मरने के 45 मिनट बाद जिंदा हुआ आदमी, डॉक्टरों ने कर दिया था मुर्दा घोषित…

    21-Jul-2024

    मृत्यु के बाद के जीवन के अनुभव :- अमेरिका के विंसेंट टॉल्मन ने मौत के मुंह में जाने के बाद दोबारा जीवन पाया है। 45 मिनट तक मृत घोषित होने के बाद, वह फिर जिंदा हो गए। विंसेंट ने एक खतरनाक बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट का भारी मात्रा में सेवन कर लिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी और उन्हें एक शव रखने वाले बैग में बंद कर दिया गया था। हालांकि, विंसेंट दोबारा जीवित हुए और अपना अनुभव भी साझा किया।

     
    थाईलैंड से मंगवाया था सप्लीमेंट :-
    विंसेंट और उनके दोस्त ने थाईलैंड की एक कंपनी से ऑनलाइन बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट मंगवाया था। उन्होंने शनिवार को सप्लीमेंट लिया और जिम जाने के लिए निकले, लेकिन रास्ते में उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा और वे एक रेस्टोरेंट में रुक गए। विंसेंट सीधे रेस्टोरेंट के शौचालय में गए और वहीं बेहोश हो गए। उन्हें लगातार उल्टी हो रही थी और उनका दम घुट रहा था।
     
    डॉक्टरों ने किया मृत घोषित :-
    जब चिकित्सा सहायक मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने विंसेंट का उपचार करने का प्रयास किया। हालांकि, कड़ी मशक्कत के बाद भी वह जीवित नहीं हुए और उन्हें एक शव रखने वाले बैग में बंद कर दिया गया। विंसेंट उपचार से लेकर अस्पताल जाने तक सभी चीजों को देख पा रहे थे। उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे कोई फिल्म चल रही हो और वह अपने आस-पास मौजूदा सभी लोगों के विचारों को भी सुन पा रहे थे।
     
    मौत के बाद का अनुभव :-
    विंसेंट को 45 मिनट के लिए मृत घोषित कर दिया गया था और वह 3 दिन तक कोमा में थे। इन 3 दिनों के अंतराल में विंसेंट ने मौत के बाद की दुनिया को देखने का दावा किया है। उनके मुताबिक, मरने के बाद उन्हें ड्रेक नामक एक साथी मिला था, जिसने उन्हें उनके जीवन के सभी अच्छे और बुरे काम दिखाए थे। विंसेंट ने अपने जीवन में किए गए सभी बुरे कामों को महसूस किया और अपने अच्छे कामों को भी देखा।
     
    जीवन दान का अनुभव :-
    विंसेंट ने कहा, “मैंने अपने जीवन में किए गए सभी अच्छे काम भी देखे। मुझे मालूम हुआ कि मैंने वास्तव में बुरे कामों से ज्यादा अच्छे काम किए थे।” उन्हें अपने आस-पास प्यार और शांति महसूस हो रही थी। ड्रेक ने बताया कि वह भगवान के दूत हैं और विंसेंट को बताया कि उनकी मौत के कारण उनके परिवार वालों पर क्या बीत रही होगी।विंसेंट को यह सब दिखाने के बाद उनके समक्ष दो विकल्प रखे गए: मौत को चुन सकते थे या फिर दोबारा जीवित हो सकते थे। विंसेंट ने अपनी मां की याद आने पर जीने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “मरना अद्भुत और आसान था। हम सब मरने से डरते हैं, लेकिन वापस जीवित होना ज्यादा कठिन था। धरती कोई अदालत नहीं, बल्कि एक विद्यालय है।”

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  • पूर्णिया में तालाब में डूबने से 2 छात्रों की मौत…

    21-Jul-2024

    पूर्णिया :- पूर्णिया में तालाब में डूबने से दो स्कूली छात्राओं की मौत हो गई। स्कूल के वॉशरूम का ताला बंद होने की वजह से दोनों सहेलियां शौच के लिए स्कूल से करीब 200 मीटर की दूर तालाब किनारे गई थी। इसी दौरान एक का पैर फिसला, जिसे बचाने दूसरी छात्रा पानी में उतरी और फिर दोनों की डूबकर मौत हो गई। घटना के.नगर थाना क्षेत्र के गोकुलपुर पंचायत के मध्य विद्यालय अलीनगर 2 की है। दोनों इसी स्कूल की तीसरी कक्षा की छात्रा थी। मृत छात्राओं की पहचान के. नगर थाना क्षेत्र के गोकुलपुर अलीनगर वार्ड 9 निवासी टुनटुन साह की बेटी अंजली कुमारी (10) और बबलू साह की बेटी सोनाक्षी कुमारी (08) के रूप में हुई है।

     
     
     
    दोनों छात्राओं की मौत से नाराज परिजन शव को लेकर विद्यालय पहुंचे। नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने खूब प्रदर्शन किया। घटना की सूचना मिलते ही के.नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। परिजनों का गुस्सा शांत कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए लेकर आई है। घटना की जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि दोनों बच्चियां रोजाना की तरह अपने स्कूल पढ़ने गई थीं। इसी दौरान दोनों अपनी कक्षा से वॉशरूम के लिए निकली, लेकिन मगर दरवाजे पर ताला लगा होने की वजह से दोनों स्कूल से तकरीबन 200 मीटर की दूरी पर मौजूद तालाब किनारे गईं। यहां शौच के दौरान इनमें से एक का पैर फिसला, जिसे बचाने दूसरी गई।
     
    फिर देखते ही देखते दोनों गहरे पानी में जा समाई। खोजबीन के क्रम में स्थानीय गोताखोर बच्चियों को ढूंढने तालाब में कूदे। घंटों की मशक्कत के बाद दोनों के शव को नदी से बाहर निकाला गया, लेकिनतब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
     
     
    इधर घटना की सूचना मिलते ही के.नगर के सीओ दिवाकर कुमार, थानाध्यक्ष नवनीत कुमार गुप्ता, गोकुलपुर पंचायत के मुखिया नीरज कुमार मौके पर पहुंचे। लोगों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके बाद किसी तरह मामला शांत हुआ। फिलहाल पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है और पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच पूर्णिया भेज दिया है।

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  • NEET पेपर लीक मामले में फिर बड़ी कार्रवाई, CBI ने मास्टरमाइंड सहित 2 सॉल्वर को दबोचा, अब तक 21 दबोचे गए…

    21-Jul-2024

    NEET पेपर लीक केस अपडेट :- नीट-यूजी परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं की जांच जारी है। इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पेपर लीक मामले में शन‍िवार को एक मास्‍टरमाइंड और दो सॉल्‍वर की भूम‍िका न‍िभाने वाले तीन छात्रों को गिरफ्तार क‍िया है। इसमें मास्‍टरमाइंड बी-टेक स्नातक और दो एमबीबीएस छात्र शामिल हैं। सीबीआई के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड की भूमिका निभाई है। कथित तौर पर मोटी रकम लेकर परीक्षा के पेपर सॉल्व करते थे।

     
    इन सॉल्वरों की हुई गिरफ्तारी :-
    ~दो सॉल्वरों की पहचान कुमार मंगलम बिश्नोई (सेकंड ईयर) और दीपेंद्र कुमार शर्मा (फर्स्ट ईयर) के रूप में हुई है, जो भरतपुर मेडिकल कॉलेज के दोनों                   एमबीबीएस छात्र हैं। दोनों की ही नीट-यूजी परीक्षा के दिन हजारीबाग में मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
    ~बिश्नोई और शर्मा कथित तौर पर इंजीनियर पंकज कुमार द्वारा चुराए गए पेपर के लिए सॉल्वर के रूप में काम कर रहे थे, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका         है।
    सॉल्वर मॉड्यूल का थे हिस्सा :- गिरफ्तार किए गए दो आरोपी सॉल्वर मॉड्यूल का हिस्सा थे, जिसमें पहले से ही पांच एमबीबीएस छात्र गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर एनईईटी यूजी उम्मीदवारों को सौंपे गए थे, जिन्होंने गिरोह की सेवाओं का लाभ उठाया था। प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला कि दोनों ‘सॉल्वर’ 5 मई को हजारीबाग में मौजूद थे, जिस दिन देश भर में NEET-UG परीक्षा आयोजित की गई थी।
     
    अब तक 21 गिरफ्तार :- मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं से संबंधित छह मामलों में सीबीआई ने अब तक 21 आरोपियों को गिरफ्तार क‍िया है। सीबीआई के मुताबिक, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर (झारखंड) के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ ​​आदित्य ने हजारीबाग स्थित एनटीए ट्रंक से कथित तौर पर नीट-यूजी का पेपर चुरा लिया। एनआईटी, जमशेदपुर से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल) पासआउट शशिकांत पासवान उर्फ ​​शशि उर्फ ​​पासु, कुमार और रॉकी के साथ मिलकर काम कर रहा था, जिसे पहले भी गिरफ्तार किया गया था।
     
     
    19 जुलाई को सीबीआई ने रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरआईएमएस) की एमबीबीएस (फर्स्‍ट ईयर) की छात्रा सुरभि कुमारी को ‘सॉल्वर मॉड्यूल’ का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने दो दिनों तक गहन पूछताछ के बाद कुमारी को हिरासत में लिया।
     
    इन राज्यों में दर्ज है FIR :- 18 जुलाई को पुलिस ने हजारीबाग में सुरेंद्र शर्मा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसने कुमार की मदद की थी। मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी ने छह एफआईआर दर्ज की हैं। बिहार में दर्ज की गई एफआईआर पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज की गई बाकी एफआईआर उम्मीदवारों के स्थान पर परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
     
    5 मई को आयोज‍ित की गई थी पर‍िक्षा :- एनटीए द्वारा सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है। इस साल यह परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। इस परीक्षा में 23 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे।

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  • मध्यप्रदेश में भी लागू होगा ‘योगी बाबा’ का आदेश…? साधु-संतों ने रख दी यह मांग…

    21-Jul-2024

    यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा के रूट पर आने वाली दुकानों के दुकानदारों को अपनी ‘नेमप्लेट’ लगाने के आदेश दिए हैं। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश की बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के साधु-संतों ने भी इसे सही बताया है। हालांकि, डिटेल और नेमप्लेट वाला आदेश उज्जैन नगर निगम एक साल पहले ही दे चुका है, लेकिन इस आदेश पर ध्यान नहीं दिया गया। अब साधु-संतों ने कह दिया है कि इस मामले पर किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

     
    बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में मंदिर के पास 300-400 होटल बने हुए हैं। महाकाल लोक बनने के बाद से ही यहां देशभर से भक्तों का तांता लगा हुआ है। इसी को देखते हुए आसपास के लोगों ने अपने घरों को छुपाने के लिए गेस्ट हाउस बना लिए हैं। जब इन होटलों के मालिकों के बारे पता लगाया गया है तो कई सनसनीखेज जानकारियां सामने निकलकर आई। यहां पर कई होटलों का संचालन मुस्लिम समाज के लोग करते हैं, लेकिन होटलों का नाम हिंदू या हिंदू धर्म से जुड़े भगवान के नाम होते हैं। कई होटल तो यहां बाबा महाकाल के नाम से ही चलाए जा रहे हैं।पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने साइन बोर्ड का रखा था प्रस्तावपूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विक्रमोत्सव के समय कार्यक्रम में कहा था कि उज्जैन एक धार्मिक नगरी है। यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। होटल, रेस्टोरेंट, लॉज और दुकान संचालकों ने अंग्रेजी में साइन बोर्ड लगा रखे हैं।
     
     
    उन्होंने उस दौरान अपील की थी कि साइन बोर्ड का प्रयोग हिंदी भाषा में करें। विकल्प के तौर पर अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है।नगर निगम के एमआईसी में रखा गया था प्रस्तावउज्जैन नगर निगम के एमआईसी में इस प्रस्ताव पर नगर निगम परिषद ने अपनी ओर से दुकान या होटल संचालकों के मालिक का नाम और मोबाइल नंबर जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके साथ ही यह भी तय किया गया था कि जो लोग भी महाकाल मंदिर के अगल-बगल में होटल, रेस्टोरेंट, लॉज या रेस्ट हाउस संचालित करते हैं तो उनके प्रोपराइटर का नाम स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। इसके साथ ही उनका मोबाइल नंबर भी साइन बोर्ड पर लिखा होना चाहिए। बीजेपी विधायक ने ‘नेमप्लेट’ वाले प्रस्ताव का किया समर्थनबीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने सीएम डॉ मोहन यादव को लिखते हुए कहा है कि “किसी भी व्यक्ति का नाम उसकी पहचान होती है। व्यक्ति को अपने नाम पर गर्व होता है।

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  • Wipro में कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 में 12 हजार नियुक्ति की योजना बनाई…

    21-Jul-2024

    विप्रो अपॉइंटमेंट्स :- IT में काम करने वाले लोगों के लिए और फ्रेशर्स के लिए खुशखबरी है. विप्रो में कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 में 10 हजार से 12 हजार नियुक्ति की योजना बनाई है. युवाओं को इसका अत्यंत लाभ मिलेगा. आईटी कंपनी विप्रो ने यह कदम उस वक्त उठाया, जब पिछले दो वित्तीय वर्षों में लगातार कर्मचारियों की संख्या में गिरावत दर्ज की जा रही थी.

     
    इस बात की जानकारी विप्रो के चीफ एचआर सौरभ गोविल ने कंपनी के Q1 सम्मेलन के दौरान दी. उन्होंने बताया कि हम करीब 1 साल बाद फिर से जॉब के मार्केट में वापस आ गए हैं. आपको बता दें इस कंपनी ने लगातार 6 तिमाही में कर्मचारियों की संख्या में कमी के बाद इस महीने 3,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की है. रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी अगले वित्तीय वर्ष यानी साल 2025 26 में 10 हजार से 12 हजार कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा.
    कॉलेज से की जाएगी नियुक्ति :-
    साथ ही उन्होंने विप्रो में नौकरी के इच्छुक युवाओं को बताया कि विप्रो वित्तीय वर्ष 2025 में दिए गए सभी नौकरी के ऑफर को पूरा कर रही है. इतनी ही नहीं उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी ने कुछ संस्थानों के साथ अपने संबंध भी मजबूत किए हैं. ऐसे में कंपनी इस वर्ग कॉलेज के परिसर में भी भर्ती करेगी. वेस्टर्न इंडिया प्रोडक्ट कंपनी में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार यहां जान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक नजर डाल सकते हैं. गोविल ने इस बात पर जोर दिया कि विप्रो मांग के आधार पर भर्ती करना जारी रखेगी. तो वहीं, विप्रो की बड़ी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों इंफोसिस और टीसीएस ने इस वित्त वर्ष में क्रमश: 20,000 और 40,000 नए कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना की घोषणा की है..

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  • फिर विवादों में विधायक राजा भैया, FIR दर्ज, गंभीर धाराएं लगाई गई…

    21-Jul-2024

    यूपी :- यूपी के कुंडा विधायक राजा भैया एक बार फिर से चर्चा में हैं. राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाना में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. उन पर फर्जी हस्ताक्षर कर कंपनी निदेशक को पद से हटाने सहित शेयर में फ्रॉड करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. शुक्रवार रात लखनऊ के हजरतगंज थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।

     
    एफआईआर द प्रॉपर्टीज कंपनी के पूर्व निदेशक आशुतोष सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई है. हजरतगंज कोतवाली में 120B 419, 420, 467,468, 469, 471, 506 जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. आशुतोष ने राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी पर आरोप लगाया है कि षड्यंत्र करके और दबाव बनाकर उनको कंपनी के निदेशक पद से हटाया गया है।
     
     
    आशुतोष सिंह का कहना है कि जब से ये कंपनी बनी थी तब से वह शेयर होल्डर हैं. उनके फर्जी हस्ताक्षर करने के साथ अन्य तमाम तरह का फर्जीवाड़ा और षड्यंत्र कर उनको कंपनी के निदेशक पद से हटाया गया है. आशुतोष ने आगे आरोप लगाया है कि ये पूरा फर्जीवाड़ा भानवी सिंह ने किया है. इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर भानवी सिंह पर नामजद और अन्य अज्ञात पर धोखाधड़ी, साजिश रचने, फर्जीवाड़ा करने और धमकी देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
     
    केस की जांच के आधार पर सबूत जुटाए जाएंगे, जो साक्ष्य होंगे उस आधार पर कार्रवाई होगी। आशुतोष के मुताबिक उन्होंने मामले की शिकायत कानपुर के रजिस्ट्रार ऑफिस में भी की है. एफआईआर के मुताबिक भानवी सिंह ने पहले आशुतोष से निदेशक पद से इस्तीफा मांगा, आशुतोष ने जब इस्तीफा देने से इनकार कर दिया तो उनको धमकी देकर दबाव डाला गया. आरोप है कि बाद में उनके फर्जी साइन करके इस्तीफा तैयार किया गया जिसके आधार पर उनको कंपनी से बाहर निकाला गया।

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  • सऊदी अरब में फंसा भारत का वीरेंद्र, खाने-पीने को तरसा, केंद्र सरकार से मांगी मदद

    20-Jul-2024

    नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के अंबेडकर कोनसीमा जिले के रहने वाले एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीरेंद्र नाम के शख्स ने भारत सरकार से उसे सऊदी अरब से वापस लाने की गुहार लगाई है। जिले के इसुका पुडी गांव के वीरेंद्र कुमार की उम्र 23 साल है। वीरेंद्र 10 जुलाई 2024 को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के एक एजेंट के जरिए कतर गया था। हालांकि, बाद में उसे सऊदी अरब ले जाया गया और रेगिस्तान में ऊंट चराने की नौकरी पर रख दिया गया। जानकारी के अनुसार, एक एजेंट ने वीरेंद्र को घर पर खाना बनाने का काम देने की बात कही थी, लेकिन उसे रेगिस्तान में ऊंटों की रखवाली के लिए रख दिया गया। एजेंट ने उससे एक लाख सत्तर हजार रुपए लेकर धोखाधड़ी की और बाद में रेगिस्तान में छोड़ दिया। वायरल वीडियो में वीरेंद्र भारत सरकार से मदद की गुहार लगाता दिख रहा है। सेल्फी वीडियो में वो बेबस और थका हारा दिख रहा है। रेगिस्तान में खड़ा वीरेंद्र कहता है कि उसे भोजन और पानी भी नहीं मिल रहा है। उसे खून की उल्टियां हो रही हैं और उसकी तबियत भी काफी खराब है। उसने यह भी कहा कि रेगिस्तान में उसे किसी तरह की कोई मदद भी नहीं मिल पा रही है। दूसरे ओर वीडियो सामने आने के बाद वीरेंद्र के परिजन भी काफी परेशान हैं। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है और उन्होंने सरकार से जल्द ही वीरेंद्र को वापस लाने की गुहार लगाई है। 


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  • अमरनाथ यात्रा: 3471 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था जम्मू से रवाना

    20-Jul-2024

    जम्मू, यहां भगवती नगर यात्री निवास आधार शिविर से ‘बम बम भोले’ के जयकारों के बीच 3471 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था शनिवार को श्री अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए रवाना हुआ।

    तीर्थयात्री 114 वाहनों के बेड़े में पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों के लिए रवाना हुए। बालटाल के लिए 1073 और पहलगाम के लिए 2398 तीर्थयात्री कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आधार शिविर से रवाना हुए।
    पिछले साल, 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में दर्शन किए। 52 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी।

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  • वाह! वॉट्सऐप ने फिर किया कमाल, अब चैटिंग के लिए आया यह जबरदस्त फीचर

    20-Jul-2024

    वॉट्सऐप (WhatsApp) चैटिंग अब और मजेदार हो गई है। कंपनी यूजर्स के चैटिंग एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाने के लिए तगड़ा अपडेट लाई है। यह अपडेट इमोजी के लिए आया है। पिछले साल खबर आई थी कंपनी ऐनिमेटेड इमोजी फीचर पर काम कर रही है, जिससे यूजर चैटिंग के दौरान अपनी फीलिंग्स को डाइनैमिक और ऐनिमेटेड इमोजी के जरिए और बेहतर ढंग से एक्सप्रेस कर पाएंगे। अब वॉट्सऐप ने इसी फीचर रोलआउट करना शुरू कर दिया है।

     
    लॉटी लाइब्रेरी से क्रिएट किए गए इमोजी
    WABetaInfo ने इस नए अपडेट की जानकारी देते हुए अपने ऑफिशियल X अकाउंट से एक पोस्ट किया है। इस पोस्ट में एक वीडियो रिकॉर्डिंग को भी शेयर किया गया है। इसमें आप इस नए फीचर को देख सकते हैं। इस रिकॉर्डिंग में आप नए ऐनिमेटेड इमोजी फीचर को देख सकते हैं। इन ऐनिमेटेड इमोजी को Lottie लाइब्रेरी से क्रिएट किया गया है। लॉटी लाइब्रेरी के इमोजी यूजर्स को चैटिंग एक्सपीरियंस जबरदस्त एक्सपीरियंस देंगे। कंपनी ने कुछ हफ्तों पहले ही लॉटी फ्रेमवर्क पर बेस्ड स्टिकर्स को रोलआउट किया था और ऐनिमिटेड इमोजी भी इसी का एक हिस्सा है।
     
     
    कुछ इमोजी को किया गया ऐनिमेट
    ध्यान रहे कि वॉट्सऐप में मौजूद सारे इमोजी ऐनिमेशन को सपोर्ट नहीं करते हैं। कंपनी इसे केवल मेसेजिंग के फील को और बेहतर बनाने के लिए रोलआउट कर रही है। ऐसे में अभी केवल कुछ इमोजी को ही ऐनिमेशन्स के साथ ऑफर किया जा रहा है। इसका मतलब हुआ कि चैट में सेंड किए जाने वाले वही इमोजी ऐनिमेटेड दिखेंगे, जिनका ऐनिमेटेड वर्जन उपलब्ध होगा। बिना ऐनिमेटड इमोजी चैट में अभी भी पहले जैसे ही नजर आएंगे।
     
    इन यूजर्स के लिए आया अपडेट
    WABetaInfo ने इस अपडेट को वॉट्सऐप बीटा फॉर ऐंड्रॉयड 2.24.15.15 में देखा है, जो गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है। अगर आप बीटा यूजर हैं, तो इस अपडेट को इंस्टॉल करके आप ऐनिमेटेड इमोजी फीचर को इंजॉय कर सकते हैं। कंपनी बीटा टेस्टिंग पूरी होने के बाद इस फीचर के स्टेबल वर्जन को ग्लोबल यूजर्स के लिए रोलआउट करेगी।

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  • Bangladesh में आरक्षण को लेकर घमासान, छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बीच हिंसा में 39 लोगों की मौत…

    19-Jul-2024

    ढाका :- बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली को लेकर प्रदर्शनकारियों, सुरक्षा अधिकारियों और सरकार समर्थक छात्र कार्यकर्ताओं के बीच लगातार झड़पों के बाद व्यापक हिंसा हुई. हिंसा में कम से कम 39 लोगों की मौत हो चुकी है. लाठी-डंडों और पत्थरों से लैस पुलिस और प्रदर्शनकारियों की राजधानी ढाका सहित देश भर में झड़प की खबर है. गुरुवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को बांग्लादेश के ढाका में सड़कें सुनसान दिखीं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, बांग्लादेश के टीवी न्यूज चैनल शुक्रवार को प्रसारण बंद कर रहे हैं. बांग्लादेश में शुक्रवार को संचार सेवाएं व्यापक रूप से बाधित हो गईं, अधिकारियों ने अशांति को खत्म करने की कोशिश के लिए गुरुवार को कुछ मोबाइल सेवाओं में कटौती की, लेकिन व्यवधान पूरे देश में फैल गया.

     
    आउटेज मॉनिटर नेटब्लॉक के अनुसार, रात होते ही बांग्लादेश में इंटरनेट शटडाउन था. विदेशों से आने वाले टेलीफोन कॉल ज्यादातर कनेक्ट नहीं हो रहे थे, और इंटरनेट के माध्यम से कॉल पूरी नहीं हो पा रही थीं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बांग्लादेश के कई अखबारों की वेबसाइटें शुक्रवार सुबह अपडेट नहीं हो रही थीं, और उनके सोशल मीडिया हैंडल भी सक्रिय नहीं थे.
     
     
     
    प्रधानमंत्री शेख हसीना के झड़पों को शांत करने की मांग करने वाले नेटवर्क पर दिखाई देने के एक दिन बाद गुरुवार को छात्र प्रदर्शनकारियों ने सरकारी प्रसारक की इमारत में आग लगा दी थी. कई पुलिस चौकियों, वाहनों और अन्य प्रतिष्ठानों को आग लगा दी गई. छात्रों ने अवामी लीग के कई अधिकारियों पर भी हमला किया.
     
    आखिर छात्र क्यों हैं आंदोलित :-
    प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि शेख हसीना सरकार पाकिस्तान से 1971 के आजादी के युद्ध में लड़ने वाले लोगों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को अलग करना बंद करे. बेरोजगारी के कारण यह आंदोलन इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री हसीना के फिर से चुने जाने के बाद से सबसे बड़ा आंदोलन है. विरोध प्रदर्शन पिछले महीने के अंत में शुरू हुआ था. हालांकि, सोमवार को स्थिति और बढ़ गई जब ढाका विश्वविद्यालय में छात्र कार्यकर्ताओं की पुलिस और प्रदर्शनकारियों से झड़प हो गई.
     
    प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि कोटा प्रणाली शेख हसीना की अवामी लीग के समर्थकों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था. वे इसे भेदभावपूर्ण प्रणाली कहते हैं और इसे योग्यता आधारित प्रणाली से बदलना चाहते हैं. हालांकि, बांग्लादेश सरकार ने 2018 में इन कोटे को खत्म कर दिया था, लेकिन एक उच्च न्यायालय ने बाद में उन्हें बहाल कर दिया था. बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट, 7 अगस्त को, कोटा बहाल करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील पर सुनवाई करने के लिए तैयार है, जिसे 2018 में सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया था.
     
     
    इस बीच, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शांति की अपील की और छात्रों को आश्वासन दिया कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश नहीं होंगे. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने यह भी घोषणा की कि न्यायिक जांच की जाएगी और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.
     
    सत्तारूढ़ अवामी लीग ने आरोप लगाया कि जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश की छात्र शाखा छात्र शिविर और एक अन्य संगठन छात्र दल के घुसपैठ कराने के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया. अवामी लीग ने एक बयान में कहा, “तथ्य यह है कि घुसपैठियों ने आंदोलन में प्रवेश किया, जब कल शिविर और छात्र दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों की आड़ में पिटाई की, अवामी लीग के लोगों को छतों से फेंक दिया, पुलिस बक्से जलाए और शिक्षकों और छात्रों को पीटा.

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  • ब्रिटेन में भड़का दंगा, दंगाइयों ने गाड़ियों में लगाई आग, सड़कों पर जमकर मचाया उत्पात…

    19-Jul-2024

    यूके दंगे :- चुनाव खत्म होते ही ब्रिटेन में दंगा भड़क गया। यूनाइटेड किंगडम के लीड्स शहर में बीती रात जमकर दंगा हुआ। इस दौरान दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया। उपद्रवियों ने गाड़ियों में में आग लगा दी। वहीं पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की गई। बड़ी संख्या में लोग शहर के बीचोबीच इकट्टा हुए और जमकर उत्पात मचाया। ब्रिटेन दंगा का कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में लोग पुलिस की कार पर हमला कर रहे हैं। भीड़ पुलिस वैन को पलटती दिखाई दे रही है। वैन को पलटने से पहले उसकी खिड़कियों के शीशे तोड़े जा रहे हैं। दंगाइयों में काफी संख्या में छोटे-छोटे बच्चे भी हैं, पत्थर भेंकर रहे हैं। इन दंगों का कारण स्थानीय चाइल्ड केयर एजेंसी की ओर से बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर चाइल्ड केयर होम में रखना बताया जा रहा है। इसी के विरोध में लोग सड़कों पर उतरे हैं। यूके की गृह मंत्री यवेट कूपर ने कहा कि लीड्स में फैली अशांति की खबरों से वह सकते में है. वह लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है।


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  • नमो भारत ट्रेनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने NCRTC करेगा ये काम…

    19-Jul-2024

    दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनों को शुरुआत के बाद से इसकी लोकप्रियता में लगातार इजाफा होता जा रहा है, जिसे और बढ़ाने और RRTS स्टेशन के साथ नमो भारत ट्रेनों में सुविधाओं को बेहतर बनाने में NCRTC निरंतर प्रयासरत है.

     
    NCRTC, नमो भारत ट्रेनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से RRTS स्टेशनों पर पार्किंग प्लेस को विकसित कर रहा है. पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर विकसित किए जा रहे पार्किंग सुविधाओं में 8000 से अधिक वाहन पार्क किए जा सकेंगे. सार्वजनिक वाहनों के इस्तेमाल के चलन को इससे बढ़ावा मिलेगा इससे दिल्ली-मेरठ मार्ग पर निजी वाहनों का भार काफी कम होगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी रोका जा सकेगा और वायु प्रदूषण को कम करने में भी काफी मदद मिलेगी.
     
     
     
    सार्वजनिक परिवहन में 37% से बढ़कर 63% हिस्सेदारी होगी 
    पूरे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के कार्यान्वयन से सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी मौजूदा 37% से बढ़कर 63% हो जाएगी. सभी 25 स्टेशनों पर विभिन्न प्रकार की फीडर सेवाएं प्रदान करने के लिए हाल ही में रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की गई है.
     
    पहले 10 मिनट मुफ्त के बाद यह शुल्क लागू 
    पिक एंड ड्रॉप के लिए आने वाले यात्रियों के लिए वर्तमान में कोई पार्किंग शुल्क नहीं है, अपने वाहन पहले 10 मिनट के लिए मुफ्त में पार्क कर सकते हैं. इसके बाद 6 घंटे साइकिल के लिए 5 रुपये, दोपहिया वाहनों के लिए 10 रुपये और कारों के लिए 25 रुपये है. वहीं,  6 से 12 घंटे के लिए साइकिल 5 रुपये, दोपहिया वाहनों 25 रुपये और कारों के लिए 50 रुपये और 12 घंटे के बाद RRTS संचालन के घंटों के अंत तक, साइकिल के लिए 10 रुपये, दोपहिया वाहनों के लिए 30 रुपये और कारों के लिए 100 रुपये है. गैर-संचालन घंटों के दौरान रात की पार्किंग के लिए साइकिल के लिए 20 रुपये, दोपहिया वाहनों के लिए 60 रुपये और कारों के लिए 200 रुपये खर्च होंगे.
     
    मेरठ के बाद सराय काले खां में बन रही दूसरी बड़ी पार्किंग
    दिल्ली से मेरठ तक पूरे RRTS कॉरिडोर पर 25 स्टेशन हैं. इन स्टेशनों पर अपेक्षित यात्रियों को ध्यान में रखते हुए पार्किंग स्थल विकसित किए जा रहे हैं. सबसे बड़ी पार्किंग मेरठ साउथ स्टेशन पर है जहां लगभग 300 कारें और 900 दोपहिया वाहन पार्क किए जा सकते हैं. दूसरी बड़ी पार्किंग दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन पर विकसित की जा रही है, जहां लगभग 275 कारें और 900 दोपहिया वाहन पार्क किए जा सकते हैं. इन पार्किंग स्थलों में सुविधा, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने सक्षम लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं.
     
    RTS स्टेशन पर फ्री पिक एंड ड्रॉप 
    वर्तमान में इस कॉरिडोर का 34 किलोमीटर का हिस्सा कार्यरत है, जिसमें 8 RRTS स्टेशन हैं, जहां यात्रियों को पार्किंग की सुविधा भी दी जा रही है. ऑटो रिक्शा पार्क करने की सुविधा भी इन पार्किंग में उपलब्ध है. स्टेशनों पर पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ सुविधाओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. स्टेशनों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि मुख्य सड़क से आने वाले वाहन आसानी से यात्रियों को पिक और ड्रॉप कर सकें. इसके साथ ही दिव्यांग यात्रियों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए उनके वाहनों की पार्किंग के लिए अलग से जगह निर्धारित की गई है और स्टेशन में आसानी से प्रवेश के लिए रैंप भी बनाए गए हैं, ताकि आसानी से नमो भारत ट्रेन पर सवार हो सकें.
     
    पार्किंग क्षेत्रों में बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने की भी योजना 
    NCRTC अपने पार्किंग क्षेत्रों में यात्रियों और लास्ट माइल सर्विस प्रोवाइडरों की सुविधा के लिए बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने की भी योजना बना रहा है. यह पहल यात्रियों के लिए किफायती लागत पर परिवहन के टिकाऊ साधनों को बढ़ावा देगी. बैटरी स्वैपिंग स्टेशन से न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोगों के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी की सुविधा को भी बढ़ाएगा. RRTS स्टेशनों से दूर रहने वाले यात्री बिना किसी परेशानी के स्टेशनों तक आसानी से पहुंच सकें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्किंग की सुविधा के साथ लास्ट माइल कनेक्टिविटी के विकल्प मिल सकें इसके लिए NCRTC शुरू से ही प्रयासरत है और NCRTC स्टेशनों पर इन सुविधाओं को मुहैया कराने में काफी अहम भूमिका निभा रहा है.

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  • 20 दिन में 3.65 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किये बाबा बर्फानी के दर्शन

    19-Jul-2024

    जम्मू । गत 29 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा के लिए शुक्रवार को 4,821 यात्रियों का एक और जत्था रवाना हुआ। अब तक 3.65 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा में प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग के दर्शन किए हैं।

    अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से आने वाले 14 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
    अधिकारियों ने कहा, ''आज 4,821 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ। इनमें से 1,731 तीर्थयात्री सुबह 3.13 बजे 54 वाहनों के सुरक्षा काफिले में उत्तरी कश्मीर बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुए। वहीं, 3,090 यात्री सुबह चार बजे 96 वाहनों के सुरक्षा काफिले में दक्षिण कश्मीर नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुए। दोनों काफिलों के दो चरणों वाले शिविरों की आगे की यात्रा के लिए आज दोपहर तक घाटी पहुंचने की उम्मीद है।"
    यात्री गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग या 14 किलोमीटर के छोटे बालटाल मार्ग का इस्तेमाल करते हैं।
    पहलगाम मार्ग का इस्तेमाल करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का इस्तेमाल करने वाले लोग दर्शन करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं।
    समुद्र तल से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा को दुनिया भर के लाखों हिंदू भगवान शिव के घर के रूप में पूजते हैं।
    इस साल लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर दो आधार शिविर बनाए गए हैं और गुफा मंदिर पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं, ताकि यात्रा सुचारू और दुर्घटना मुक्त रहे।
    दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी।

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  • हार्दिक पांड्या की बढ़ती मुश्किलें....

    19-Jul-2024

    पहले कप्तानी छिनी और फिर तलाक

    नई दिल्ली । टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और एक्ट्रेस नताशा स्टेनकोविक का तलाक हो गया है। पांड्या को एक ही दिन में दो झटके लगे। पहले पांड्या से टीम इंडिया की कप्तानी का मौका छिना और फिर उनके तलाक की खबर कंफर्म हो गई।
    श्रीलंका दौरे के लिए बीसीसीआई ने गुरुवार को टी20 और वनडे टीम का ऐलान किया। रोहित के बाद टी 20 कप्तानी की दौर में सबसे प्रबल दावेदार हार्दिक पांड्या को इस दौरे के लिए कप्तानी दी जा सकती थी, लेकिन हार्दिक को टी20 की कप्तानी नहीं देने की वजह उनकी फिटनेस को माना जा रहा है। सूर्यकुमार यादव अब टी20 के नए कप्तान हैं, वनडे में कप्तान रोहित शर्मा हैं। वहीं टी20 और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में उपकप्तानी की जिम्मेदारी शुभमन गिल को सौंपी गई है।
    पिछले एक साल में हार्दिक चोटों के कारण काफी परेशान रहे हैं और कई अहम मैचों में उन्हें बेंच पर बैठना पड़ा। जबकि टीम इंडिया के नए कोच गौतम गंभीर टी20 कप्तानी में लॉन्ग टर्म ऑप्शन चाहते हैं। इसलिए सूर्यकुमार यादव को टी20 टीम की कमान सौंपी गई है। बतौर भारतीय कोच गंभीर का यह पहला असाइनमेंट होगा। पहले जानकारी मिल रही थी कि विराट कोहली और रोहित शर्मा श्रीलंका दौरे से बाहर रह सकते हैं लेकिन गंभीर ने सीनियर खिलाड़ियों की टीम में वापसी की मांग की। रोहित शर्मा के साथ विराट कोहली भी वनडे टीम का हिस्सा हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों ने वनडे विश्व कप 2023 के बाद कोई वनडे मैच नहीं खेला है।
    गंभीर कार्यकाल में टीम में बदलाव का दौर जारी है। इस बीच हार्दिक पांड्या की पर्सनल लाइफ भी चर्चा का विषय बनी हुई है। हार्दिक पांड्या और नताशा का तलाक हो गया है। दोनों ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक संयुक्त बयान में गुरुवार को इस फैसले का खुलासा किया। पिछले काफी समय से इन दोनों के तलाक की खबरें लगातार सामने आ रही थी। लेकिन इन दोनों ने इस पर गुरुवार से पहले कुछ नहीं कहा था। पांड्या और नताशा का एक बेटा भी है। इन दोनों ने आपसी सहमति के साथ बेटे अगस्त्या के लिए को-पेरेंटिंग का फैसला किया है।
    हार्दिक ने बताया कि उन दोनों ने इस रिश्ते को बचाने की काफी कोशिश की लेकिन अंत में दोनों ने एक-दूसरे के भले के लिए ही अलग होने का फैसला लिया।
    बता दें, हार्दिक पांड्या और नताशा की शादी मई, 2020 में हुई थी। दोनों ने लॉकडाउन के दौरान कोर्ट मैरिज की थी। इसके बाद 2020 में बेटे के जन्म के तीन साल बाद हार्दिक पांड्या और नताशा ने फरवरी 2023 में हिंदू और ईसाई रीति-रिवाज से फिर धूमधाम से शादी रचाई। चाहे पर्सनल लाइफ हो या प्रोफेशनल, हार्दिक पांड्या की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पिछले साल से लगातार फैंस के निशाने पर रहने वाले हार्दिक पांड्या ने टी20 विश्व कप फाइनल में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इस जीत के बाद फैंस ने उन पर खूब प्यार लुटाया। मगर, गंभीर कार्यकाल के दौरान हार्दिक को अपनी फिटनेस पर ज्यादा ध्यान होगा, वरना आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

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  • कांवड़ यात्रा: मुजफ्फरनगर पुलिस के फरमान से मचा हड़कंप

    19-Jul-2024

    नई दिल्ली। हिंदू तीर्थयात्री हर साल सावन के महीने में कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं. इस दौरान गंगा नदी से पानी लेने के लिए यात्री पैदल चलकर उत्तराखंड जाते हैं और फिर वहां से गंगा जल लाकर शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं. इस बार कांवड़ यात्रा आगामी 22 जुलाई से शुरू हो रही है. इस दौरान हरिद्वार से दिल्ली की ओर हजारों की संख्या में लोग कांवड़ लेकर आते हैं. इसी रास्ते पर मुजफ्फरनगर जिले का भी बड़ा हिस्सा पड़ता है. लेकिन मुजफ्फरनगर पुलिस के एक आदेश को लेकर काफी विवाद पैदा हो गया है.

    मुजफ्फरनगर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने कांवड़ यात्रा मार्ग के किनारे स्थित होटल, ढाबों और खाद्य सामग्री बेचने वाली अन्य दुकानों को अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम अपनी-अपनी दुकानों के बाहर लिखने के लिए कहा है. एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने ठेले वालों को भी इस आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा है. उनके मुताबिक, ऐसा इसलिए कहा गया है ताकि ‘कांवड़ियों के बीच किसी तरह के भ्रम की स्थिति न हो और न ही इस वजह से कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो जिससे कि बाद में कानून-व्यवस्था में कोई बाधा पैदा हो.
    क्यों बना आलोचना का विषय
    इस आदेश की काफी आलोचना हो रही है लेकिन बताया जा रहा है कि इस आदेश के पीछे कुछ हिन्दू संगठनों की मांग थी जिसमें कहा गया था कि रास्ते में मुसलमानों की दुकानों से उन्हें खाने-पीने की चीजें लेनी पड़ती हैं जो कि वो नहीं लेना चाहते. इन संगठनों ने इससे पहले कई बार इस बात को लेकर हंगामा भी किया है कि मुस्लिम समाज के लोग हिन्दू देवी-देवताओं के नाम पर फल-जूस इत्यादि की दुकानें खोलते हैं और इस भ्रम में हिन्दू ग्राहक वहां चले जाते हैं.
    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में मुजफ्फरनगर के बीजेपी विधायक कपिल देव अग्रवाल ने भी कहा था, "मुसलमानों को यात्रा के दौरान अपनी दुकानों का नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि जब कांवड़ियों को पता चलता है कि जिन दुकानों पर वे खाना खाते हैं वे मुस्लिमों द्वारा चलाई जाती हैं तो इस वजह से कई बार विवाद हो जाता है.”
    यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि कुछ नाम तो ऐसे होते हैं कि उनसे हिन्दू-मुस्लिम का पता नहीं चलता, तो उन नामों का क्या होगायूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि कुछ नाम तो ऐसे होते हैं कि उनसे हिन्दू-मुस्लिम का पता नहीं चलता, तो उन नामों का क्या होगा
    मुजफ्फरनगर पुलिस के इस आदेश के बाद ही विवाद खड़ा हो गया और राजनीतिक दलों के अलावा अन्य लोगों ने भी इसकी आलोचना की. हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी तुलना दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और नाजी जर्मनी में यहूदियों के खिलाफ किए जाने वाले भेदभाव से की. ओवैसी ने कहा कि ‘मुजफ्फरनगर पुलिस का यह आदेश संविधान के आर्टिकल 17 का उल्लंघन है क्योंकि ऐसा करके यूपी सरकार अस्पृश्यता को बढ़ावा दे रही है.'
    वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा, "सिर्फ राजनीतिक दलों को ही नहीं, बल्कि सभी लोगों और मीडिया को भी इस राज्य प्रायोजित कट्टरता के खिलाफ खड़ा होना चाहिए. हम भाजपा को देश को अंधकार युग में धकेलने की इजाजत नहीं दे सकते.”
    पुलिस विभाग का क्या कहना है
    सोशल मीडिया पर कई और लोगों ने भी इस कदम की आलोचना की है जबकि मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए इस बात से इनकार किया है कि उसके इस निर्देश का उद्देश्य धार्मिक आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने का है. पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसा पहले भी होता रहा है.
    नोएडा में वरिष्ठ पत्रकार पंकज पाराशर भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि यह आदेश कोई पहली बार नहीं जारी हुआ है बल्कि पहले भी ऐसा होता रहा है. उनके मुताबिक, "पुलिस कप्तान ने जल्दबाजी या जोश में कह दिया. कायदे से उन्हें डीएम के साथ बैठकर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके और लोगों को बैठाकर ये बात कहनी चाहिए थी. ऐसा करते तो कोई समस्या ही न होती. ऐसा पिछले दस-बारह साल से होता आया है. रास्ते में पड़ने वाले ज्यादातर दुकानदारों ने खुद से ही अपने नाम लिख रखे हैं. यहां तक कि रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों ने भी खुद से ही अपने नाम लिख रखे हैं. आदेश तो बाद में आया है. और, ऐसा इसलिए है क्योंकि कोई छोटी-मोटी बात भी किसी बड़ी घटना की वजह बन सकती है. ये लोग इन समस्याओं का दंश झेल चुके हैं. और वो खुद कोई अप्रिय स्थिति नहीं पैदा होने देना चाहते.”
    क्यों कम चुने जा रहे हैं मुसलमान सांसद
    पंकज पाराशर बताते हैं कि इस पूरे रास्ते में तमाम ऐसे इलाके हैं जो मुस्लिम बहुल हैं लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोग खुद ही शिविर लगाकर कांवड़ियों की सेवा करते हैं. इन शिविरों पर लोग बाकायदा अपने नाम के बोर्ड लगाकर बैठे रहते हैं ताकि लोगों को ये पता रहे कि शिविर मुसलमानों के हैं. पंकज पाराशर कहते हैं, "हजारों कांवड़िये इन शिविरों में रुकते हैं, आराम करते हैं और खाते-पीते हैं. लेकिन यह भी है कि तमाम कांवड़िये मुस्लिम दुकानों और इन शिविरों पर रुककर नहीं खाना-पीना चाहते. तो उनकी सुविधा के लिए ऐसा कहा जाता है ताकि उन्हें पता रहे कि वो जहां खा रहे हैं, वो दुकान किसकी है. इन वजहों से कई बार विवाद हो चुके हैं. तो पिछले कई साल से ऐसा होता आया है ताकि स्पष्टता रहे.”
    नेताओं ने जताया माहौल खराब होने का डर
    सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद कहते हैं कि कांवड़ यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आस्था का मामला है, सभी लोग इसमें सहयोग करते हैं और बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. लेकिन उनका कहना है कि इस तरह के आदेशों के जरिए माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. इमरान मसूद का कहना है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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  • पटवारियों की हड़ताल खत्म, आज से लौटेंगे काम पर…

    18-Jul-2024

    रायपुर :- छत्तीसगढ़ में पटवारियों की हड़ताल खत्म हो गई है. राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से मुलाकात के बाद पटवारियों ने आज से ही काम पर लौटने का फैसला लिया. बताया जा रहा कि पटवारियों की मांग पर बनी सहमति बन गई है. मंत्री टंकराम ने कहा, सभी पटवारी आज से काम शुरू करेंगे. पहले भी चर्चा हुई थी. वो सार्थक नहीं हो पाई थी. आज सार्थक चर्चा हुई है. मंत्री वर्मा ने कहा, भुइयां एप मामले में भी चर्चा हुई है. गलती अपने से नहीं करते हैं. इस पर भी सुधार किया जाएगा. वहीं तहसीलदारों के 22 तारीख तक आश्वासन को लेकर मंत्री ने कहा, वो काम पर लौट गए हैं. मांग पर सहमति बनी है, वो काम करेंगे. वहीं पटवारी संघ के प्रांत अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने बताया कि मंत्री से बातचीत हुई है. मांगों पर सहमति बनी है, लेकिन अभी तूता स्थित धरना स्थल जाएंगे. सभी साथियों से बातचीत करेंगे, इसके बाद हड़ताल समाप्त होगी. फिलहाल हड़ताल समाप्त कर रहे हैं.

     
    ओलंपिक योजना बंद कर क्रीड़ा योजना से जोड़ा जाएगा, इस मामले में मंत्री टंकराम ने कहा, उसकी जगह पर दूसरी योजना कई है. इसका व्यापक रूप रहेगा. ग्रामीण प्रतिभा को योजना के तहत आगे बढ़ाएंगे. उत्कृष्ठ खिलाड़ियों को नौकरी मिलने को लेकर उन्होंने कहा, हमारी अभी समिति की बैठक होगी, जिसमें इस विषय को रखेंगे. भाजपा कार्यकाल में ही खिलाड़ियों के हित में काम शुरू हुआ था.

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  • बजट से ठीक पहले चंद्रबाबू नायडू ने लगाई दिल्ली की दौड़, केंद्र से बजट में की ये 3 बड़ी मांगें…

    18-Jul-2024

    चंद्रबाबू नायडू की प्रेशर पॉलिटिक्स :- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई एनडीए (NDA) सरकार (Modi 3.0) का पहला बजट (Budget 2024) 23 जुलाई को पेश करेंगी। केंद्र में BJP को समर्थन दे रही TDP और JDU को इस बजट से बड़ी उम्मीदें है। एक तरफ जहां आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) सीएम चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP को बजट से विशेष पैकेज की उम्मीद है। वहीं बिहार सीएम नीतीश कुमार की पार्टी JDU को बिहार को विशेष राज्य दर्जे की उम्मीद की जा रही है।

     
    बजट से पहले चंद्रबाबू नायडू केंद्र पर प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। नायडू गुरुवार को दिल्ली पहुंचे। यह 10 दिन में उनका दूसरा दिल्ली दौरा है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंने बजट  के लिए अपनी तीन सूत्रीय विश लिस्ट तैयार की है और इसे वित्त मंत्री के पास भेज भी दिया गया है।
     
     
    यही नहीं, टीडीपी चीफ नायडू बजट से पहले लगातार दिल्ली पहुंचकर सीनियर नेताओं के साथ बातचीत करते भी दिख रहे हैं। वह महज 10 दिनों में दूसरी बार बीते मंगलवार को दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। ऐसा माना जा रहा है कि बजट में अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए टीडीपी की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
     
     
     
     
    बिजनेस टुडे पर छपी ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP ने 23 जुलाई को पेश होने जा रहे बजट के लिए अपनी 3 सबसे बड़ी मांगे सामने रखी हैं। Chandrababu Wish List में जो मांगें रखी गई हैं, उनमें पहली ये है कि विशेष रूप से राज्य के अनंतपुर, चित्तूर, कुडप्पा, कुरनूल, श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयनगरम सहित अन्य पिछड़े जिलों के लिए बजटीय अनुदान होना चाहिए। इसके बाद दूसरी अमरावती (Amaravati) के लिए फाइनेंशियल हेल्प और तीसरी पोलावरम सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए समय पर पैसा जारी करने की मांग शामिल है।
     
    विशेष राज्य की मांग से किया किनारा :- रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी विभिन्न फंड्स और परियोजनाओं के लिए दबाव तो बनाने में लगी है, लेकिन कथित तौर पर आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के लिए विशेष दर्जे के लिए दबाव नहीं डालने का फैसला किया है, जो उनके पहले के रुख से एक महत्वपूर्ण बदलाव है। TDP को इस बजट में राज्य में एक पेट्रोकेमिकल हब और एक तेल रिफाइनरी की घोषणा की उम्मीद भी है। इन मांगों की वकालत करते हुए नारा लोकेश ने भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के लिए पार्टी के बिना शर्त समर्थन की पुष्टि भी की है।
     
     
    वित्त मंत्री रचेंगी इतिहास :- गौरतलब है कि संसद में 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी।सुबह 11 बजे से वित्त मंत्री का बजट भाषण शुरू होगा। ये देश की फाइनेंस मिनिस्टर के रूप में सीतारमण का लगातार सातवां बजट होगा। इसे पेश करने के साथ ही वह नया इतिहास भी रच देंगी।

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  • योगी आदित्यनाथ को केशव प्रसाद मौर्य क्या चुनौती दे पाएंगे…?

    18-Jul-2024

    यूपी की राजनीति में इन दिनों सब कुछ सही नहीं चल रहा है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के तेवर कुछ बदले-बदले से दिखाई दे रहे हैं. वहीं भाजपा के अंदर भी ताबड़तोड़ बैठक-मुलाकातों का दौर जारी है. इस बीच सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी भाजपा और खासतौर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर लगातार निशाना साध रहे हैं. अखिलेश यादव ने फिर सोशल मीडिया पर एक पर केशव मोर्य को बड़ा ऑफर दिया है. अखिलेश यादव ने ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘मानसून ऑफर: सौ लाओ, सरकार बनाओ!’ हालांकि उन्होंने अपनी इस पोस्ट में केशव प्रसाद मौर्य का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनके इस पोस्ट को सीधे तौर पर केशव प्रसाद से जोड़ कर देखा जा रहा है.

     
    बता दें कि 2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत के साथ जीत मिली थी. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में बीजेपी ने 311 सीटें हासिल की थी. उसके बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर जो घमासान मचा था. जिसके बाद से अखिलेश यादव लगातार केशव मौर्य को लेकर बीजेपी पर उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं.
     
    अखिलेश यादव कई बार दे चुके हैं ऑफर :-
     
    अखिलेश यादव इससे पहले भी कई बार केशव मौर्य को ऑफर दे चुके हैं. पहले भी अखिलेश यादव ने 2022 में केशव प्रसाद मौर्य को कहा था कि वे 100 विधायक तोड़कर लाएं और मुख्यमंत्री बन जाएं. हालांकि हर बार केशव प्रसाद मौर्य अखिलेश यादव को करारा जवाब देते रहे और पार्टी के प्रति अपनी इमानदारी दिखाते  रहे.

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